भारत का अनोखा गांव, जहां हिंदी नहीं, संस्कृत में होती है हर बातचीत!

शहर से गांव की भाषा थोड़ी अलग होती है। आज हम आपको एमपी के उस गांव से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जहां के लोग आपस में हिंदी में बात नहीं करते, बल्कि वह किसी और भाषा में बात करते हैं।

भारत में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक स्थान है, जहां सालों घर पर्यटक पहुंचते हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। पूरब से लेकर पश्चिम तक… उत्तर से लेकर दक्षिण तक… देश के किसी भी कोने में घूमने फिरने की कोई कमी नहीं है। भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश (MP) भी इस मामले में पीछे नहीं है, बल्कि यहां भी घूमने के लिए एक से बढ़कर एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, जहां विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं। यहां का खान-पान, भाषा, संस्कृति और परंपराओं का अनोखा संगम लोगों का मन मोह लेती है।

मध्य प्रदेश में बहुत से छोटे-छोटे गांव है, जहां विलेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही है।

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झीरी गांव (Jhiri Village)

शहर से गांव की भाषा थोड़ी अलग होती है। आज हम आपको एमपी के उस गांव से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जहां के लोग आपस में हिंदी में बात नहीं करते, बल्कि वह किसी और भाषा में बात करते हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश के इस गांव का नाम झीरी है, जो कि राजगढ़ जिले में स्थित है। यहां के लोग हिंदी भाषा नहीं बोलते, बल्कि यहां घरों पर संस्कृत गहम लिखा हुआ है।

बुजुर्ग का था सपना

गांव में संस्कृत बोलने की शुरुआत लगभग 10 साल पहले हुई थी, जो एक बुजुर्ग का सपना था। जिसे गांव के बच्चे, बूढ़े और युवा हर कोई साकार कर रहे हैं। गांव की लगभग 70% आबादी संस्कृत बोलती है। वहीं, स्कूलों के साथ-साथ मंदिर और चौपाल में भी संस्कृत सिखाए जाते हैं। यहां शादियों में भी संस्कृत में ही गीत गाए जाते हैं।

जरुर जाएं घूमने

यदि आपको कभी मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित इस अनोखे गांव को एक्सप्लोर करने का मौका मिले, तो आप यहां पर जरूर जाएं। यहां की प्राचीन संस्कृति और भाषा आपके दिल को छू जाएगी।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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