MP News : एडीजी के इस सुझाव से लगेगा Road Accident पर अंकुश

Gaurav Sharma
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राजस्थान

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सड़क दुर्घटना (Road Accident) के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बात अगर आज की ही करें तो गुरुवार को मध्यप्रदेश में तीन से चार एक्सीडेंट ( Road Accident ) की खबरें सामने आई है, जहां जबलपुर (Jabalpur) में एक कार और ट्रक की भिड़ंत हो गई तो वही रीवा में एक बस के ऊपर ट्रक पलट गया। एक्सीडेंट से होने वाली मौतें (Deaths due to accident) और उन पर अंकुश लगाने के लिए पीटीआरआई ( Police Training Research Institute,PTRI) के एडीजी सागर ने एक बड़ा बयान दिया है।

गंभीरता से जांच की है आवश्यकता

एडीजी ने कहा कि एक्सीडेंट के मामले पर गंभीरता से जांच की आवश्यकता है एक्सीडेंट के मामलों में गैर इरादतन हत्या (non intentional) की धारा लगाए , इससे आरोपियों (Accused) को कड़ी सजा मिलेगी। एडीजी का सुझाव है कि अगर एक्सीडेंट के मामलों में आरोपी को सख्त सजा मिलेगी तो लोग सावधानी से गाड़ी चलाएंगे और एक्सीडेंट के आंकड़े भी कम होंगे।

मर्डर के दृष्टिकोण से जांच होना है जरूरी 

पीटीआरआई एडीजी डीसी सागर का कहना है कि सड़क दुर्घटना (Road Accident) बहुत संवेदनशील मामला है, जो लोगों की जिंदगी से जुड़ा हुआ है। लोगों की सुरक्षा के लिए ही ट्रैफिक नियमों को बनाया गया है लेकिन कुछ लोग इसका पालन करते हैं, वहीं कुछ लोग इसे दरकिनार कर देते हैं। सड़क दुर्घटना (Road Accident) के चलते लोग अपनी जान गवां बैठते हैं। सड़क दुर्घटना (Road Accident) में मर्डर के दृष्टिकोण से जांच होना जरूरी है और उसी के हिसाब से साक्ष्य जुटाए जाने भी चाहिए। घटना की पुष्टि के लिये वैज्ञानिक साक्ष्य की भी जरूरत है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए जो गंभीरता हत्या के अपराधों में दिखाई जाती है, वहीं गंभीरता एक्सीडेंट के मामले में भी दिखाई जाएगी तो इससे लोगों में खौफ बढ़ेगा और वह सावधानी से गाड़ी चलाएंगे और सभी लोग ट्रैफिक नियमों का पालन भी करेंगे।

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एक्सीडेंट करने वाले आरोपी को सजा मिल सकती है

डीसी सागर आगे कहते है कि अभी तक एक्सीडेंट में धारा 304 ए के तहत मामला दर्ज किया जाता था, जिसमें एक्सीडेंट करने वाला आरोपी अक्सर छूट जाए करता था, पर अगर ध्यान से मामले की जांच की जाए तो इसमें 304(2) गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो सकता है, जिसमें एक्सीडेंट करने वाले आरोपी को सजा मिल सकती है। लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले लोगों की वजह से एक्सीडेंट के मामले सामने आते हैं।

कड़ी सजा मिलेगी तो सावधानी से चलाएंगे गाड़ी 

वाहन चालकों (Drivers) पर वाहन चलाने की धाराओं में एफआईआर (FIR) दर्ज होती है और वह जमानत (Bail) लेकर आसानी से फ्री हो जाते हैं। लेकिन अगर गैर इरादतन हत्या (culpable homicide) का मामला बनता है तो वह आसानी से छूट नहीं पाएंगे और उन्हें कड़ी सजा मिलेगी जो कि लोगों के लिए सावधानी से वाहन चलाने की सीख बनेगी। बता दें कि पीटीआरआई(PRTI) यानी कि पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूशन पुलिस की वह शोध संस्था है जो पुलिस विभाग के काम करने के तरीके पर रिसर्च करती है और उन्हें बेहतर बनाने के सुझाव देती है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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