अलीराजपुर, यतेन्द्रसिंह सोलंकी। जिले सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग (SC/ST) के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ हो रहे भेदभाव पूर्ण व्यवहार के खिलाफ अलीराजपुर के विधायक मुकेश पटेल (Alirajpur MLA Mukesh Patel) द्वारा मप्र राज्यपाल (MP Governor,), मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Shivraj Singh Chauhan) और अजा-अजजा आयोग को एक पत्र भेजा गया। इसमें अजा-अजजा वर्ग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाकर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाई करने और आदिवासी अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई को तुरंत वापस लेने की मांग की गई।
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अलीराजपुर के विधायक मुकेश पटेल ने लिखा है कि मेरे जिले के आदिवासी कर्मचारी को अन्याय पूर्ण तरीके से निलंबित कर दिया। विगत दिनो प्रदेश के देवास जिले (Dewas) के नेमावर में आदिवासी लड़की के साथ बलात्कार कर उसके परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या कर 10 फीट गहरे गढ्ढे में गाड़ दिया गया था। प्रदेश में कई ऐसी घटनाए(बलात्कार, हत्या, शोषण व भेदभाव) हो रही है। क्या एक आदिवासी अधिकारी-कर्मचारी (Government Employee) को अपने सामाज और समाज के परिवारों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार नहीं है?
अलीराजपुर के विधायक मुकेश पटेल ने लिखा है कि नेमावर में आदिवासी परिवार पर हुई घटना में न्याय दिलाने और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने पर मेरे जिले के एक आदिवासी कर्मचारी नितेश अलावा जो कि पटवारी के पद पर राजस्व विभाग में पदस्थ है उन्हें नेमावर, मानपुर ओर कसरावद में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में भड़काउ भाषण देने तथा असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने के कारण अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) जोबट के आदेश क्र9/1453/2021 दिनांक 15.07.2021 द्वारा अन्याय पूर्ण तरीके से निलंबित (Suspended) कर दिया गया है। जबकि शासन के नियमानुसार किसी भी कर्मचारी को गलती करने पर प्रथम दृष्टया कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाना चाहिए। किन्तु बिना नोटिस दिये ही एक तरफा कार्यवाही की गई है जो गलत और अनुचित है।
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विधायक ने लिखा है कि सामान्य प्रशासन विभाग विभाग मप्र शासन के ज्ञाप क्र./एफ, 7-35/97/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 12.11.1997 एवं आदेश क्र./एफ, 7-35/1997/आप्र/एक भोपाल दिनांक 27.05.2014 द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध भेदभावपूर्ण कार्रवाई न किए जाने व एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई न किए जाने संबंधी प्रावधान किया गया है। यदि किसी अधिकारी-कर्मचारी से किसी कारणवश, मानवीय स्वभाव से गलती हो भी जाती है, तो उसे भविष्य के लिए हिदायत देते हुए गलती सुधारने का अवसर दिया जाने संबंधी शासन द्वारा प्रावधान किया गया है। किंतु ऐसा न करते हुए जिला प्रशासन द्वारा विगत दिनों कई अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाईया की गई है।
विधायक पटेल ने महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अजा-अजजा आयोग से मांग कि है कि उपरोक्त निर्देशों का पालन कराये जाने के लिए संबंधित विभागाध्यक्षों को आदेशित करें। यदि नियम व निर्देशों के विरूद्ध जाकर प्रदेश के विभिन्न जिलो में पदस्थ आदिवासी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध भेदभावपूर्ण रवैया अपना कर उन पर कार्रवाई की जाती है तो कार्रवाई करने वाले अधिकारी के खिलाफ तत्काल एक्शन लेकर कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होने मांग की कि प्रदेश में इस तरह की घटनाओं के आधार पर आदिवासी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्रवाईयों को तत्काल वापस लिया जाए ताकि आदिवासी समाज में शासन के प्रति रोष व्याप्त ना हो।
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