ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिले के अधिकारियों ने अब तक कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के नरम रुख और सहज व्यवहार को देखा है और कई बार इसका नाजायज फायदा भी उठाया है लेकिन अब कलेक्टर साहब सख्त और एक्शन मोड में आ गए हैं। वे शासन की योजनाओं पर लापरवाही करने वाले अधिकारियों को ना सिर्फ फटकार लगा रहे हैं बल्कि कार्रवाई की भी कर रहे हैं। आज सोमवार को हुई टीएल बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी कलेक्टर के गुस्से का शिकार हुए।
कलेक्ट्रेट सभागार में आज सोमवार को टीएल यानि टाइम लिमिट (Time Limit) बैठक आयोजित की गई। विभागीय अधिकारियों की मैराथन बैठक में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Koshalendra Vikram Singh) ने सीएम हैल्पलाइन, समय-सीमा एवं जन-सुनवाई में आईं जन शिकायतों के निराकरण की विभागवार विस्तार से समीक्षा की। साथ ही शासन स्तर, विभिन्न आयोग एवं जनप्रतिनिधिगणों द्वारा लिखे गए पत्रों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा भी बैठक में की।
ये भी पढ़ें – निकाय चुनाव 2021: आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका के खिलाफ SC जाएगी मध्यप्रदेश सरकार
बैठक में अधिकारियों की प्रगति को सुनकर कलेक्टर गुस्से में आ गए और उन्होंने कहा कि जन शिकायतों के निराकरण में ढिलाई बिलकुल बर्दाश्त नहीं होगी। जो अधिकारी-कर्मचारी जन शिकायतों के निराकरण में रुचि नहीं ले रहे हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। कलेक्टर ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर यदि सीएम हैल्पलाइन व टीएल सहित अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के निराकरण में अच्छी प्रगति नहीं आई तो संबंधित अधिकारियों की खैर नहीं होगी।
ये भी पढ़ें – GST विभाग की बड़ी कार्यवाही, एक फर्म के ग्वालियर, इंदौर, भोपाल कार्यालयों पर छापे
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी विभागों के अधिकारी अपने कार्यालय में हर दिन जन शिकायतों के निराकरण की समीक्षा करें और एक-एक आवेदन को स्वयं देखें। कलेक्टर ने शिकायतों के सकारात्मक निराकरण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि निराकरण ऐसा हो, जिससे आवेदक को संतुष्टि मिले। बैठक में अपर कलेक्टर एवं प्रभारी नगर निगम आयुक्त आशीष तिवारी, एडीएम रिंकेश वैश्य सहित जिले के सभी एसडीएम एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
इनके खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देश
विभागवार समीक्षा के दौरान समय-सीमा वाले पत्रों सहित अन्य जन शिकायतों के निराकरण में लापरवाही व ढिलाई सामने आने पर कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा (CMHO Dr Manish Sharma) और नगर निगम के अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता (Additional Commissioner Gwalior Municipal Corporation Mukul Gupta) को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही नगर निगम के संबंधित अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन उन स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए जिनकी लापरवाही की वजह से जन शिकायतों के निराकरण में देरी हुई है।
ये भी पढ़ें – मजबूरी का उठाया फायदा, पिता को नौकरी दिलाने का झांसा देकर किशोरी से दुष्कर्म
कलेक्टर श्री सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के समय-सीमा वाले पत्रों के निराकरण में लापरवाही सामने आने पर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव की एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि इनकी पदस्थापना प्रशासनिक पद पर न की जाए। उन्होंने टीएल के निराकरण में देरी के लिये जिम्मेदार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक वर्ग-3 संजय जोशी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की हिदायत भी दी। स्वास्थ्य विभाग की एक शिकायत के निराकरण में लापरवाही सामने आने पर शिकायत का निराकरण होने तक जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कौरव का वेतन रोकने के निर्देश भी बैठक में दिए। इसी तरह एनआरसी में पदस्थ एक कर्मचारी का बिना कारण वेतन रोककर रखने के लिए दोषी कर्मचारियों का वेतन काटने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए हैं।
अवैध कॉलोनी बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों (SDM) को निर्देश दिए कि अवैध कॉलोनी बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही शासन के प्रावधानों के तहत अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने कहा संबंधित राजस्व अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों को कदापि विकसित न होने दें।