पटवारी ने की छेड़छाड़, रिपोर्ट लिखवाने 3 दिन थानों के चक्कर लगाती रही पीड़ीता

Amit Sengar
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अशोकनगर, हितेंद्र बुधोलिया। अशोकनगर (Ashoknagar) जिले के करीला में रंग पंचमी के दिन माता जानकी के दरबार में लगे मेले मे रतवास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से एक पटवारी आशीष जैन ने छेड़खानी की थी, महिला बीते 3 दिन से महिला बाल विकास अधिकारी,एसडीओपी ऑफिस और थाने मे घूमती रही, मगर उसकी फरियाद कहीं नहीं सुनी गई और मामले को दबाने के प्रयास किए गए, पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी कर शिकायत को ही गलत बता दिया था, आखिर में बीजेपी एवं कांग्रेस के नेताओं के दखल के बाद आज महिला थाने में उसकी शिकायत दर्ज की गई है।

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प्रदेश के सीएम जब महिला अपराधों पर गंभीर होकर अपराधियों पर कठोर कार्रवाई की बात कर रहे हो, और जिस जिले में खुद कलेक्टर महिला हो वहा की एक आदिवासी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को अपने साथ हुई छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। उसी के खुद के विभाग महिला बाल विकास ने उसकी शिकायत को सुना मगर उस पर कोई कार्यवाही नहीं करा सके, महिला एसडीओपी मुंगावली के पास पहुंची तो उसे मुंगावली से बहादुरपुर थाने भेज दिया गया, बहादुरपुर थाने में महिला की शिकायत लिखने जगह पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें बताया गया कि महिला ने अपनी शिकायत वापस ले ली है और कहा है कि किसी के बहकावे में पटवारी आशीष जैन पर आरोप लगा रही थी। यह प्रेस प्रेस नोट न केवल पुलिस ने बल्कि महिला कलेक्टर की सोशल मीडिया साइट से भी जारी किया गया, इसके बाद इस मामले ने राजनीतिक रंग पकड़ लिया और जिले भर में चर्चित हो गया।

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पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगे कि एक आदिवासी महिला के साथ हुये अपराध पर कार्रवाई करने की जगह प्रशासनिक अधिकारी उसे रफा दफा करने का प्रयास कर रहे हैं। और पटवारी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद आज महिला अशोकनगर जिला मुख्यालय आई और बीजेपी तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ महिला थाने पहुंचकर अपने साथ हुई छेड़खानी की बात बताई। मीडिया और नेताओं के हस्तक्षेप के बाद महिला थाने में पटवारी आशीष जैन पर मामला दर्ज कर लिया गया है।

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क्या है मामला
आदिवासी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महिला ने बताया कि 21 से 23 तारीख तक करीला में लगने वाले मेले में उसकी ड्यूटी वीआईपी पार्किंग में लगाई गई थी। उसके साथ एक सहायिका भी उसके साथ में थी। उसने बताया कि 22 तारीख की रात करीब 10:00 बजे पटवारी आशीष जैन उसके पास आए और उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा कि चलो आज कुछ हो जाए जो उस महिला को अच्छा नहीं लगा और इस छेड़छाड़ की शिकायत उसने उसी समय सबसे पहले महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी जयवंत वर्मा से की जिन्होंने कार्यवाही का आश्वासन दिया, मगर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। फिर महिला ने थाने के चक्कर लगाए, बहादुरपुर थाने मे मामला दर्ज करने की जगह उस पर शिकायत वापस करने का दबाव बनाया गया। आज वरिष्ठ भाजपा नेता यादवेंद्र सिंह यादव एवं कांग्रेस के नेता हरी बाबू राय सहित कुछ अन्य लोगों ने थाने में पहुंचकर इस महिला की एफ आई आर दर्ज कराई है।

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पुलिस प्रशासन पर सवाल
महिला अपराधों के मामले में स्पष्ट दिशा निर्देश है कि, शिकायत तुरंत दर्ज की जाएगी। बावजूद इस मामले में 3 दिन तक महिला की शिकायत दर्ज ना हो पाना बड़ा सवाल पैदा करता है। जिसमें बहुत सारे लोग कटघरे में खड़े होंगे। आज ही दोपहर बहादुरपुर थाने में इस महिला के पहुंचने पर इसके द्वारा मामला झूठा बताया जाने एवं शिकायत पर कार्रवाई न करने संबंधी प्रेस नोट प्रेस पुलिस द्वारा जारी कर दिया गया था। जबकि महिला के साथ आए नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यह दबाव मे महिला से लिखवाया गया था। सवाल, यह भी है कि पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है अगर वह सच होता तो महिला क्यों जिला मुख्यालय पर आकर फिर से अपनी रिपोर्ट लिखवाती। महिला की शिकायत में आरोप सीधे एक सरकारी कर्मचारी पटवारी पर है इसलिए पुलिस प्रशासन इस मामले मे लेट लतीफी कर रहा था। आटा जानकी के मंदिर करीला जैसे पवित्र स्थान पर अगर सरकारी कर्मचारी ही सरकारी महिला कर्मचारी पर इस तरह की छेड़छाड़ करते हैं,तो मेले की व्यवस्थाओं पर एक बड़ा सवाल भी उठता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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