अधिकारी ने बताया विभाग के कर्मचारियों को पागल, पागलखाने में ईलाज करवाने की रखी मांग, जानें पूरा मामला

Manisha Kumari Pandey
Published on -

अशोकनगर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के अशोकनगर (Ashoknagar) जिले के चंदेरी में अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जहां अपने एक अधिकारी ने अपने ही विभाग के कर्मचारियों को पागल बताया है। यह कोई मजाक नहीं है और ना ही जुबान से फिसली कोई बात का मामला है। अधिकारी ने अस्पताल को पत्र लिखकर सभी कर्मचारियों का इलाज कराने की मांग भी सामने रखी है। चंदेरी अशोकनगर राजघाट जल विद्युत गृह के अधिकारी डीके जैन ने पागलखाने के डॉक्टरों से ऐसी अजीबो-गरीब मांग की है। अधिकारी ने कर्मचारियों का पागल खाने में परीक्षण करने के लिए मानसिक चिकित्सालय ग्वालियर के अधीक्षक को लिखा पत्र है।

यह भी पढ़े… विजय नगर पुलिस ने दो वाहन चोरों को किया गिरफ्तार, तीन वाहन जब्त

उन्होनें पत्र में लिखा है की कुछ कर्मचारी खुद को डिप्रेशन का शिकार बता रहे हैं। उनका मामला है की ऐसे कर्मचारियों से पावर प्लांट को नुकसान भी हो सकता है। उन्होनें पत्र लिखकर पूछा की कर्मचारियों के इलाज कराने की क्या प्रक्रिया है। दरअसल, अधिकारी के मुताबिक कुछ दिनों से कुछ कर्मचारी खुद को डिप्रेशन का शिकार बता कर आत्महत्या की धमकी देते हैं और दिन भर यहाँ-वहाँ सयन्त्र में घूमते-फिरते रहते हैं। और पूछने पर खुद को डिप्रेशन से ठीक बताने लगते हैं। हालांकि कुछ कर्मचारी भी सही से काम करते हैं।

अधिकारी ने बताया विभाग के कर्मचारियों को पागल, पागलखाने में ईलाज करवाने की रखी मांग, जानें पूरा मामला

अधिकारी डीके जैन ने पत्र में यह भी लिखा है, जो कर्मचारी सही से और ईमानदारी से काम कर रहे हैं, उन्होनें ये भ्रष्टाचारी बता रहें है। और यह अफवाह भी फैला रहे हैं की जो व्यक्ति काम नहीं कर वो सबसे अधिक ईमानदार है। अपने इसी समस्या का समाधान करने के लिए अधिकारी ने पागलखाने में इलाज करवाने की मांग रखी है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News