दरअसल, पूरा मामला प्राइवेट डॉक्टरों के दवाखानो को खोलने का यह मामला बताया जा रहा ।इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. हिमांशु शर्मा का कहना है कि बीएमओ का इस्तीफा अस्वीकृत कर दिया गया है।बीएमओ द्वारा मामले को अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है। उनके द्वारा की गई जांच में कही भी राजनैतिक दवाब का मामला सामने नही आया।
उल्लेखनीय है कि बीती 20 मई को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. हिमांशु शर्मा के नेतृत्व में स्वास्थ्य अमले द्वारा की गई कार्रवाई के तहत शाढ़ौरा कस्बे में अवैध रूप से संचालित चार झोलाछाप डाक्टरों के क्लीनिक सील किए गए थे। बीएमओ डॉ. भदौरिया ने सीएमएचओ को संबोधित अपने इस्तीफे में आरोप लगाया है कि अशोकनगर विधायक फोन पर इन्हीं क्लीनिकों की चाबी झोला छाप डाक्टरों को वापिस करने के लिए कह रहे थे।
डॉ भदौरिया ने इस्तीफे में लिखा है कि सीएमएचओ ने झोलाछाप डाक्टर्स के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के मौखिक निर्देश भी दिए थे। इसी के चलते उन्होंने शाढ़ौरा पुलिस को कार्रवाई हेतु पत्र भी लिखा था। बीएमओ ने अपने इस्तीफे की कॉपी क्षेत्रीय सांसद डॉ. केपी यादव, कलेक्टर, सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी भेजी है। इस्तीफे में बीएमओ ने लिखा है कि राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण वे एवं उनका स्टाफ कार्य करने असमर्थ हैं, इसलिए उनसे बीएमओ की जिमेमदारी लेकर मेडिकल ऑफिसर का कार्य कराया जाए।
इस मामले पर विधायक जजपाल सिंह जज्जी (BJP MLA Jajpal Singh Jajji) का कहना है कि उनके पास शाढ़ौरा क्षेत्र के लोग आए थे, उनका तर्क था कि भीषण महामारी के दौरान स्थानीय प्रैक्टिशनर्स पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर मैंने डॉक्टर साहब से कार्रवाई आगे टालने के लिए आग्रह किया। प्रशासनिक कार्यों में राजनैतिक हस्तक्षेप का आरोप पूरी तरह गलत है, एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मैंने बीएमओ साहब से लोगों की मांग पर विचार करने का आग्रह किया था। महामारी के इस दौर में हमारी प्राथमिकता मानव सेवा है, प्रशासनिक कार्रवाई बाद में कभी भी की जा सकती है।
सीएमएचओ डॉ हिमांशु शर्मा का कहना है कि पूरे मामले को अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है, मैंने बीएमओ द्वारा लगाए गए आरोपों की तह में जाने का प्रयास किया। ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला, जिससे कहा जा सके कि विधायक जी द्वारा किसी भी तरह का दबाब बनाया जा रहा है। झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों को मैं ही सील करके आया था, मैंने ही दुकानें खुलवाईं हैं। वहां के लोगों का कहना था कि कोरोना महामारी के भय के कारण छोटी-मोटी बीमारियों में लोग अस्पताल नहीं जा रहे हैं। बीएमओ का इस्तीफा अस्वीकृत कर दिया गया है। इस तरह से इस्तीफे नहीं दिए जाते। विधायक जी पर लगाए गए आरोप सत्यता से परे हैं।