अशोकनगर।
आदर्श आचार सहिंता लगते ही जनप्रतिनिधियों औऱ राजनेताओं को प्रशासनिक सेवाएं मिलनी बंद हो जाती हैं। और प्रशासन द्वारा कोई भी सरकारी सुविधा इस समय नहीं दी जाती है। परंतु कुछ जनप्रतिनिधि ऐसे भी होते हैं कि आचार संहिता के नियमों को ताक पर रखकर सरकारी मशीनरी या वस्तु का उपयोग कर ही लेते है। जिन्हें ना तो निर्वाचन आयोग का भय रहता है ना ही किसी जिम्मेदार अधिकारी का, माननीय को जो अच्छा लगता है वही वो करते है।
ऐसा ही नजारा अशोकनगर जिले की मुंगावली तहसील में लगने वाले करीला मेला में देखने को मिला। चन्देरी विधायक गोपाल सिंह चौहान ने जानबूझकर करीला में निर्मित विश्राम गृह का उपयोग कर ही लिया। जिसके वाद विधायक ने 6 नृत्यांगनाओं से नृत्य करवाया और दूर पास में खड़े होकर देखते रहे। पत्रकारों ने जब विधायक गोपाल सिंह चौहान से पूछा कि आप ने आचार सहिंता का उल्लंघन किया है तो वह बोले कि मेरे द्वारा किसी भी प्रकार का आचार सहिंता का उल्लंघन नहीं किया गया है। जो नृत्यांगनाए आईं थीं वो मेरे द्वारा नहीं बुलाई गई । वो नृत्य कर रही थी और मैं तो सिर्फ देख रहा था। विश्राम गृह के उपयोग के बारे में पूछा तो वह सबूत मांगने लगे कि आपके पास क्या सबूत है कि मेंरे द्वारा विश्राम गृह का उपयोग किया गया है। उनके सबूत मांगने पर जब पत्रकारोंं ने वीडियो दिखाया तो वह बगले झांकने लगे।