मुंगावली, स्वदेश शर्मा। कोरोना काल में केंद्र और राज्य सरकार ने इस उद्देश्य से मनरेगा के तहत कई कार्य ग्राम पंचायतों में स्वीकृत किये थे कि शहरों से गावों में पहुंच रहे मजदूरों को काम मिल सके और कोई बिना रोजगार के न रहे। लेकिन बात की जाए अशोकनगर जिले के मुंगावली ब्लॉक की तो यहां मनरेगा में सरपंच सचिव के साथ रोजगार सहायक मिलकर जमकर पलीता लगाने में जुटे हैं और अधिकांश पंचायतों में फर्जी मस्टर रोल निकाले जा रहे हैं।
ग्राम पंचायतों में किस तरह मनमानी पूर्वक मस्टर रोल निकाले जा रहे है इसका अंदाजा ग्राम पंचायत पिपरई (जो अब नगर परिषद बन चुकी है) को देखकर लगाया जा सकता है। यहां महीनों पहले कराए गए कार्य जो अब टूटने और उखड़ने लगे हैं, उन कार्य के मस्टर आज भी निकाले जा रहे हैं और आज भी कागजों में कई मजदूर मजदूरी कर रहे हैं। ऐसी ही स्थिति बरखेड़ा पिपरई में है जहां महीनों पहले जो कार्य हो चुके है उनके नाम पर आज भी मस्टर निकाले जा रहे हैं। यह तो बानगी मात्र है, ऐसी ही स्थिति अधिकांश पंचायतों में है।
जिम्मेदार अधिकारी नही दे रहे कोई ध्यान
इस तरह लगातार मनरेगा में चल रहे फर्जीवाड़े के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी न केवल हाथ पर हाथ धरे बैठे नजर आ रहे हैं बल्कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मंशा पर कुठाराघात करने वाले इन पंचायतों में नियमों को ताक पर रखने के बाद भी इनके पक्ष में बोलते नजर आ रहे हैं। ये पूर्व में कराए गए कार्यों के मस्टर निकालकर मज़दूरो को मजदूरी देने की बात कह रहे हैं जबकि इनको ध्यान होना चाहिए कि मनरेगा में मस्टर मजदूरी करने से पहले निकाले जाते हैं।
जिम्मेदार अधिकारी ही आये आमने सामने
मनरेगा में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर जनपद के जिम्मेदार अधिकारी ही आमने सामने आ गए हैं। क्योंकि इस तरह फर्जी मस्टर रोल निकलने के बारे में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी आरडी जाटव का कहना है कि आपके द्वारा ही जानकारी मिली है, जांच कराते हैं और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी और पूर्व में भी ऐसे मामलों में वसूली की गई है। वहीं जनपद पंचायत के सीईओ जितेंद्र जैन का कहना है कि अधूरे पड़े निर्माण कार्यों के मस्टर निकाले जा रहे हैं। कराए गए पूर्व के कार्यों की मजदूरी का भुगतान कराया जा रहा हैं। इन दोनों ही अधिकारियों की बातों के बाद कहा जा सकता है की ब्लॉक में मनरेगा भगवान भरोसे ही है।
आखिर कब होगी जिम्मेदारों की नजरें इनायत
इस तरह मनरेगा में सामने आए फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर जिम्मेदार अधिकारियों की नजरें कब खुलती है और मनरेगा के अंतर्गत ब्लॉक में चल रहे फर्जीवाड़े को कब रोका जाता हैं। या फिर ग्राम पंचायतों में ऐसे ही मनरेगा में फर्जीवाड़ा होता रहेगा।