जब जमीन पर बैठकर चौपाल लगाई महिला कलेक्टर ने

Atul Saxena
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अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। जिले की कलेक्टर श्रीमती आर उमा महेश्वरी का एक अलग अंदाज शनिवार को ग्रामीणों को देखने को मिला। जनसुनवाई के लिए पहुंची कलेक्टर कुर्सी छोड़कर जब जमीन पर बैठ गई तो ग्रामीण थोड़ा असहज हो गया लेकिन कलेक्टर की आत्मीयता और सादगी देखकर वे सामान्य हो गए।

जिला कलेक्टर श्रीमती आर उमा महेश्वरी जिला मुख्यालय से सटे आदिवासी बाहुल्य ग्राम टकनेरी में जनसुनवाई करने पहुंची । इस दौरान कलेक्टर ने टेबल कुर्सी छोड़ जमीन पर बैठ कर आदिवासियों से उनकी समस्याएं जानी एवं हल करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। उल्लेखनीय है कलेक्टर के जमीन पर बैठने के बाद कुर्सी पसन्द सूट बूट वाले  अधिकारी भी देखते ही देखते जमीन और आ बैठे।

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कलेक्‍टर ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए उनकी एक-एक समस्‍या को सुना। ग्रामीणों द्वारा कलेक्‍टर को खाद्यान्‍न पर्ची,पेंशन,शौचालय,आवास योजना का लाभ दिलाये जाने की बात कही। कलेक्‍टर ने हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश दिए अधिकारियों को दिए।

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कलेक्‍टर ने चौपाल में ग्राम के 123 पात्र हितग्राहियों के नाम आवास प्‍लस सूची में जोडे जाने संबंधी सूची का वाचन कराया गया। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि अब भी अगर कोई पात्र छूट गया है तो उनका सर्वे कर आवास प्‍लस सूची में नाम जोड़ा जायेगा। उन्‍होंने पीएचई विभाग को ग्राम में समुचित पेयजल की व्‍यवस्‍था कराये जाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्रीमती आर उमा महेश्वरी ने ग्राम में संचालित आंगनबाड़ी में दर्ज 120 बच्‍चे के बारे में भी कलेक्टर ने जानकारी ली।

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आदिवासी बाहुल्य इस टकनेरी गांव में आदिम जाति कल्‍याण विभाग के माध्‍यम से सड़क डलवाये जाने के निर्देश दिए। उन्‍होंने आदिवासी महिलाओं मुखिया से आहार अनुदान योजना के तहत मिलने वाली एक हजार रूपये की राशि के संबंध में जानकारी ली। साथ ही छूटे हुए महिला मुखिया के नाम सर्वे कर योजना के तहत लाभ दिलाये जाने के निर्देश दिए। ग्रामीणों की मांग पर कलेक्‍टर ने संबंधित अधिकारियों को गांव के कुएं का जीर्णोद्धार कराये जाने के निर्देश दिए।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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