बालाघाट, सुनील कोरे। 20 साल पहले बीओटी से बनी बालाघाट-सिवनी सड़क (Balaghat-Seoni Road) में 18 साल तक टोल टैक्स (toll tax) वसुले जाने के बाद बंद किये गये थे। टोल को फिर शासन के आदेश पर एजेंसी मध्यप्रदेश राज्य सड़क विकास प्राधिकरण से टोल वसुली को लेकर गर्रा टोल नाके पर कांग्रेस (Congress) ने हल्लाबोल आंदोलन कर टोल टैक्स वसुली का विरोध किया। इस दौरान सांकेतिक रूप से कांग्रेस ने चक्काजाम भी किया। गर्रा नाके में बिना बनाये सड़क वसुले जा रहे टोल टेक्स को लेकर प्रदर्शन कर रही कांग्रेस को ट्रांसपोर्ट एशोसिएशन, मालवाहक और अधिवक्ताओं ने भी अपना समर्थन दिया था। बालाघाट के गर्रा में 11 अगस्त से प्रारंभ टोल टेक्स का आम जनता भी विरोध कर रही है, वहीं टोल नाका में टोल प्रारंभ होने के पहले ही दिन उस वक्त हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। जब केवल गर्रा आने तक टोल नाका क्रास करने से वाहन के काटे गये 625 रूपये टैक्स को लेकर टोल नाका कर्मी को कक्ष से लेकर पिटाई कर दी गई। हालांकि पुलिस और अन्य टोलकर्मियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।
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गर्रा में टोल टैक्स को लेकर किये गये धरना प्रदर्शन और चक्काजाम आंदोलन में कांग्रेस उपाध्यक्ष शेषराम राहंगडाले, जुगल शर्मा, अनूपसिंह बैस, उदयसिंह नगपुरे, पूर्व नपाध्यक्ष विवेक पटेल, शहर अध्यक्ष श्याम पंजवानी, सुकदेवमुनी कुतराहे, रिकाब मिश्रा, जनपद सदस्य वैभव बिसेन, जितेन्द्र जीतू राजपूत, खोकासिंह बैस, अंशुल अवस्थी, ढिंगरू, गर्रा प्रधान श्रीमती रीना त्रिवेदी, श्रीमती शानु राय, जुबेदा अंसारी, सुमन केवलानी, ट्रांसपोर्ट एशोसिएशन से अविनाशसिंह ठाकुर, अधिवक्ता संघ पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता संजय गौतम, वरिष्ठ अधिवक्ता इंद्रजीत गौतम, अधिवक्ता संघ सचिव विकास श्रीवास्तव, अधिवक्ता महेंद्र बिसेन, अधिवक्ता आनंद टेंभरे, अधिवक्ता दिलीप बहेकार, अधि. भूपेंद्र भैरम, अधि. अजय बिसेन, अधिवक्ता दिलीप चौधरी, अधिवक्ता प्रवेश मालेवार और बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे। टोल टेक्स को लेकर आंदोलन को देखते हुए पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। लालबर्रा तहसीलदार के साथ सीएसपी कर्णिक श्रीवास्तव सहित पुलिस बल मौजूद था।
धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष शेषराम राहंगडाले ने कहा कि पुरानी बोतल में नई शराब की तरह, पुरानी सड़क में नया टैक्स, प्रदेश की सरकार वसुलकर अपना खजाना भर रही है, यह पूर्णतया अवैध है, जब रोड बनी ही नहीं तो टैक्स किस बात का। प्रदेश में वैसे ही पेट्रोलियम पदार्थ के दाम उंचे है, जिससे आम जनता और व्यवसायिक वाहन संचालक परेशान है, ऐसे में सरकार का यह निर्णय आम जनता के पेट पर सीधे लात मारने जैसा है। जिसको लेकर कांग्रेस और विभिन्न ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े और आम जनता के साथ यह आंदोलन किया गया है। यह तो आंदोलन की पहली वेक्सीन है, हमने प्रशासन को सात दिनों का समय दिया है, यदि समय रहते प्रशासन ध्यान नहीं देता है तो कांग्रेस फिर इसको लेकर उग्र आंदोलन करेगी।
कांग्रेस प्रदर्शन स्थल से वक्ताओं ने टोल टैक्स को वक्ताओं ने लूट करार देते हुए कहा कि यह तो चिंगारी है, प्रदेश की सरकार अराजक होकर प्रदेश की संपदा और प्रदेश की जनता से लूट करने का काम करवा रही है। जिससे प्रदेश का हर नागरिक परेशान है। टोल टैक्स के रूप में यह सरकार ने एक बार फिर जनता के पेट पर लात मारने का काम किया है। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। भाजपा सरकार ने अपनी वाहवाही के लिए अन्न उत्सव मनाकर लाखों रूपये फूंक डाले, पर किसानों को खाद और यूरिया नहीं मिल रहा है, सरकार अन्न उत्सव से वाहवाही लूटने की बजाये यदि किसानों को उनकी जरूरत की सामग्री उपलब्ध करवाती तो किसान को राहत मिलती है। प्रदेश की सरकार न केवल गरीब, किसान विरोधी है बल्कि वह व्यापार और व्यापारी विरोधी भी है। सरकार अहंकार में जी रही है, सरकार ने यह टोल नहीं ठोका है बल्कि अपनी हार की कील ठोंक दी है।
जब टोलकर्मी को कक्ष से निकलकर की पिटाई
गर्रा टोल टैक्स के प्रारंभ होने का गर्रा चौक पर कांग्रेस विरोध कर रही थी, इसी बीच टोल टैक्स में केवल गर्रा तक वाहन के आने पर अत्यधिक टोल काटे जाने से नाराज लोगों ने टोल कर्मी को टोल कक्ष से कॉलर पकड़ते हुए बाहर निकाला और रोड पर धक्का दे दिया। जिससे कर्मी गिर पड़ा। हालांकि इसमें कर्मी को कोई चोट नहीं आई है, टोल नाके पर मामला गर्माता देख पुलिस और टोलकर्मियों ने पहुंचकर मामला शांत कराया। बालाघाट के टोल नाके में महज गर्रा तक आने और वारासिवनी मार्ग की ओर जाने वाले वाहनों से अत्यधिक राशि टोल टैक्स के रूप में लेने से वाहन मालिक खफा है, जिससे भविष्य में और भी ऐसी घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
इनका कहना है
राज्य सड़क विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधकदीपक आड़े ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की शिकायत है कि टोल को बंद किया जाना चाहिये। लोकल आवागमन में बार-बार टैक्स लग रहा है, जिसको लेकर कांग्रेस की ओर से ज्ञापन सौंपा गया है। टोल टैक्स प्रारंभ किया जाना, शासन का निर्णय है। इस मामले में प्रदर्शनकारियों से मिले आवेदन को वरिष्ठ अधिकारी कलेक्टर महोदय तक पहुंचा देंगे।तहसीलदार, लालबर्रा टोला नाका बंद करने को लेकर विरोध था। जिसमें प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार महोदय को ज्ञापन सौंपा है। चक्काजाम नहीं हो सका, जब प्रदर्शनकारी सड़क पर थे तो हमने साईड से आवागमन प्रारंभ रखा था और कुछ देरबाद सड़क पर बैठे लोगों को उठा भी दिया गया। इससे जनता को कोई परेशानी नहीं हुई है। कर्णिक श्रीवास्तव, सीएसपी शासन द्वार टोल फ्री योजना के तहत प्रदेश के 13 राज्यमार्ग पर टोल टेक्स प्रारंभ किया गया है। जिसमें बालाघाट-सिवनी भी शामिल है। 20 किलोमीटर दायरे के बीच लोकल यातायात के चलते 145 रूपये प्रतिमाह का पास है, जिसका उपयोग वाहन चालक कर सकते है। सड़क के मैंटनेस टेंडर लग चुका है। टोल टैक्स की दर शासन स्तर पर निर्धारित की गई है।