बालाघाट, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की भाजपा शिवराज सरकार में केबिनेट दर्जा प्राप्त राज्य खनिज निगम के अध्यक्ष और वारासिवनी से विधायक प्रदीप जायसवाल इन दिनों बेहद आहत है और इसकी वजह है, खुद की उपेक्षा, इससे परेशान प्रदीप जायसवाल ने त्यागपत्र तक देने की चेतावनी दे दी है।
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उपेक्षा का यह मामला दरअसल तब सामने आया जब 23 मई को जिले के प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने पहुंचे बालाघाट पंहुचे थे। जहां वे कलेक्ट्रेट कार्यालय में जिला योजना समिति की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान खनिज निगम अध्यक्ष व वारासिवनी विधायक प्रदीप जायसवाल प्रोटोकॉल में उनका नाम न होने के चलते खासे नाराज हो गए और मौके पर ही नाराजगी जताते हुए वह पीछे की सीट पर जाकर बैठ गये, उन्हे नाराज देख कार्यक्रम में मौजूद आयुष मंत्री रामकिशोर कांवरे, ओ बी सी अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन समेत अन्य ने उन्हें मनाया और आगे की कुर्सी पर बैठाया । इस पर प्रभारी मंत्री हरदीप डंग ने भी कलेक्टर को नसीहत देते हुए इस गलती में सुधार करने की बात बैठक में कही। इसके बाद उन्होंने इस मामले को लेकर मीडिया से चर्चा करते हुए निगम अध्यक्ष जायसवाल ने इस्तीफा तक देने की बात कर दी।
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इस कार्यक्रम में बालाघाट के प्रभारी मंत्री हरदीप डंग विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने पंहुचे थे। जिला योजना समिति की बैठक, लोकार्पण, भूमिपूजन और अन्य कार्यक्रमों का जिसमे प्रोटोकॉल के तहत ज़िला प्रशासन के द्वारा मध्यप्रदेश के खनिज निगम के अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल का स्थान सुनिश्चित नही किया गया था। गौरतलब है कि बालाघाट के वारासिवनी विधानसभा सीट से कांग्रेस के द्वारा टिकट काटे जाने के बाद निर्दलीय चुनाव जीतने वाले प्रदीप जायसवाल जहा मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में समर्थन देकर बतौर खनिज मंत्री बनाये गए थे तो वही बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनसे समर्थित विधायकों की बगावत के बाद जायसवाल ने भी शिवराज सरकार बनाने में अपना समर्थन दिया था। जिसके बाद शिवराज मंत्रिमंडल में कैबिनेट दर्जा देने के साथ ही खनिज निगम के अध्यक्ष बनाये गए।