मां का दूध पिया है तो कमलनाथ बालाघाट से चुनाव लड़कर दिखाएं

Amit Sengar
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बालाघाट,सुनील कोरे। पूर्व मंत्री एवं आयोग अध्यक्ष, बालाघाट (Balaghat MLA) विधायक ने पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को खुली चुनौती दी है। गत दिवस मलाजखंड के मोहगांव में नगरपालिका परिषद चुनाव के प्रत्याशियों के लिए आयोजित जनाशीर्वाद सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री एवं आयोग अध्यक्ष ने कहा कि मै चुनाव नहीं लडुंगा, मां का दूध पिया है तो वह बालाघाट विधानसभा क्रमांक 111 से विधानसभा चुनाव लड़कर दिखाये, वह एक अदने से कार्यकर्ता को खड़ा करेंगे, जिससे कमलनाथ जीतकर दिखाये।

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उन्होंने कहा कि कमलनाथ विकास की बात करते है, विकास के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घर भरने का काम किया है। वे यही नहीं रूके बल्कि उन्होंने कहा कि यदि पार्टी ने उन्हें लोकसभा में प्रत्याशी बनाया तो छिंदवाड़ा में सांसद नकुलनाथ और कमलनाथ को हराकर ही वह चैन से बैठेगे। भले ही पूर्व मंत्री एवं आयोग अध्यक्ष, बालाघाट विधायक, बालाघाट विधानसभा से चुनाव ना लड़ने की मंशा को कई बार जाहिर कर चुके है लेकिन जिस तरह से उन्होंने जनआशीर्वाद सभा में पार्टी पर लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाने का फैसला छोड़ा है, उससे लगता है कि अब भाऊ की महत्वकांक्षा विधानसभा नहीं बल्कि एक बार फिर सांसद बनकर लोकसभा में जाने की है।

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भले ही राजनीति मंच पर आज पूर्व मंत्री, आयोग अध्यक्ष एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन, कमलनाथ को लेकर इस तरह से बयानबाजी कर रहे हो, लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही भोपाल आवास में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत डिनर समारोह में गौरीभाऊ ने पलके बिछाकर उनका स्नेहिल स्वागत किया था। यहां उन्होंने भाईसाहब का पुष्पगुच्छ, मोमेंटो और शॉल पहनाकर सम्मान किया और खीर से उनका मुंह मीठा कराया था। यही नहीं उनके कानो तक अपनी बात भी पहुंचाई थी। वहीं आज उन्हीं कमलनाथ के प्रति राजनीतिक मंच से गौरीभाऊ के इस तरह से दिये गये बयान से जिले के राजनीतिक हलको और लोगो में चर्चाओं का बाजार गर्म है। अब देखना है कि अपनी कार्यप्रणाली और बयानों से सुर्खियों में रहने वाले आयोग अध्यक्ष के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर दिये गये बयान के बाद कांग्रेसी क्या मौन रहते है या इसका जवाब देते है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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