कोविड केयर सेंटर में शराब पार्टी, चार स्वास्थ्यकर्मी और आयुर्वेदिक सेवक निलंबित

Gaurav Sharma
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liquor party in covid centre of balaghat

बालाघाट, सुनील कोरे। कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए कन्या छात्रावास परिसर गोंगलई में बनाए गये कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी कर रहे चार स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा छात्रावास परिसर में शराब पार्टी करने और शराब का सेवन कर अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के मामले को कलेक्टर दीपक आर्य ने गंभीरता से लिया है और चारों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

कोविड केयर सेंटर गोंगलई में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र खैरी के स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता रोमाकांत नगपुरे, उप स्वास्थ्य केंद्र पाथरवाड़ा के स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता नरेश बोहरे, उप स्वास्थ्य केन्द्र नवेगांव के स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता राजेंद्र तुरकर और नगरीय परिवार कल्याण केंद्र जिला चिकित्सालय बालाघाट के स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता खेम सिंह सहारे की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन इन कर्मचारियों द्वारा गत दिवस कन्या छात्रावास परिसर गोंगलई में शराब पार्टी कर शराब का सेवन करने की शिकायत प्राप्त हुई थी।

जांच में यह शिकायत सही पाई गई जिस पर कलेक्टर दीपक आर्य के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने इन चारों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बालाघाट रखा गया है। वहीं इसी मामले में कोविड केयर सेंटर गोंगलई में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए शासकीय आयुर्वेद औषधालय पिपरझरी के औषधालय सहायक ललित यादव की ड्यूटी लगाई गई थी।

जांच में उसके भी शराब, कबाब पार्टी में शामिल होने की शिकायत सही पाये जाने पर कलेक्टर दीपक आर्य के निर्देश पर जिला आयुष अधिकारी डॉ. शिवराम साकेत ने औषधालय सेवक ललित यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उसका मुख्यालय कार्यालय जिला आयुष विंग जिला चिकित्सालय बालाघाट रखा गया है।

कोविड केयर सेंटर की निगरानी पर उठ रहे सवाल

कोविड केयर सेंटर गोंगलई से सामने आये शराब, कबाब पार्टी के बाद कोविड केयर सेंटर की निगरानी पर सवाल खड़े हो रहे है। वीडियो के सोशल मीडिया में जारी होने के बाद लोग सवाल कर रहे है कि आखिर किसके संरक्षण में कर्मचारी मौजमस्ती कर रहे थे? जिम्मेदारों की कोविड केयर सेंटर की निगरानी को लेकर भूमिका लापरवाहीपूर्ण नजर आ रही है, यदि जिम्मेदार, कभी कोविड केयर सेंटर जाकर औचक्क निरीक्षण करते तो संभवतः स्वास्थ्य विभाग की वीडियो से धूमिल होती छवि को रोका जा सकता था।

सूत्रों की मानें तो वीडियो के सामने आने के बाद इस बात की जानकारी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को पता चली। जबकि कोविड केयर सेंटर में ऐसी पार्टी कोई एक बार नहीं बल्कि कई बार होने की बात सूत्रों द्वारा पता चली है। सूत्रों की मानें तो कोविड केयर सेंटर के पीछे फेंकी जाने वाली खाली शराब की बोतलें, डिस्पोजल गिलास इसका गवाह है। बहरहाल अब देखना है कि कोविड केयर सेंटर से स्वास्थ्य विभाग की कोविड को लेकर दिखाई गई लापरवाही के कारण जो वीडियो आया है, उसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य अमला, कोविड केयर सेंटर में ऐसी घटना की पुनर्रावृत्ति को रोकने क्या कारगर कदम उठाता है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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