BALAGHAT NEWS : बालाघाट सतपुड़ा के वादियो में अपनी अनुपम छटा और टाईगर के लिए पहचाने जाने वाले देश के मशहूर राष्ट्रीय कान्हा उद्यान की खूबसूरती को करीब से देखने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, 24 अक्टूबर मंगलवार को रायपुर में प्लेन से उतरने के बाद सड़क मार्ग से होते हुए कान्हा उद्यान पहुंचे। जो 25 अक्टूबर को सुबह कान्हा में सफारी करेंगे।
एक झलक देखने लगी लोगों की भीड़
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के कान्हा पहुंचने की जानकारी के बाद प्रशंसकों में उनकी एक झलक देखने की ख्वाहिश है, उनके कान्हा पहुंचने के बाद बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक मौजूद थे।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की अपनी अलग पहचान
बालाघाट और मंडला जिले की सीमाओं से लगे सतपुड़ा के वादियों के बीच कान्हा राष्ट्रीय उद्यान अपनी हरितिका और वन्यप्राणियों की बहुलता के कारण ना केवल देश बल्कि विदेशो में भी एक अलग पहचान रखता हैं। यही कारण है कि अक्टूबर में पार्क के प्रारंभ होते ही यह सैलानियों का जमावड़ा दिखाई देता है। देश और विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पहुंचते है और स्वयं को प्रकृति के बीच आनंदित महसुस करते है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला के लिए विख्यात कान्हा पर्यटकों के बीच हमेशा ही आकर्षण का केन्द्र रहा है।
कई किलोमीटर में फैला है जंगल
कान्हा जीव जन्तुओं के संरक्षण के लिए विख्यात है। यह अलग-अलग प्रजातियों के पशुओं का घर है। जीव जंतुओं का यह पार्क 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। कहा जाता है कि रूडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध किताब और धारावाहिक जंगल बुक की भी प्रेरणा इसी स्थान से ली गई थी। एक और बात, इस उद्यान को खास बनाती है वह है लगभग विलुप्त हो चुकी बारहसिंहा की प्रजातियां यहां के देखने को मिलती है। यहां की सबसे बड़ी विशेषता खुले घास के मैदान हैं जहां काला हिरन, बारहसिंहा, सांभर और चीतल को एक साथ देखा जा सकता है। बांस और टीक के वृक्ष इसकी सुंदरता को और बढ़ा देते हैं।
बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट