बालाघाट/सुनील कोरे
देश के कोरोना हॉट स्पॉट से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों के घर लौटने से जिले में संदिग्ध मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना के मरीजों की पहचान के लिए जगह-जगह से रैंडम सैंपल लिए जा रहे हैं। बालाघाट जिले से औसतन हर एक-दो दिन की आड़ में संदिग्ध मरीजों के सैंपल जबलपुर आईसीएमआर लेब भेजे जाते है, जहां से रिपोर्ट आने में कभी 48 घंटे तो कभी 36 घंटे लग जाते है। चिंता की बात यह है कि प्रवासियों की आमद बढ़ने के साथ ही जबलपुर की प्रयोगशाला में सैंपलों का बैकलॉग भी बढ़ता जा रहा है। सैंपल की संख्या काफी अधिक रहने की वजह से रिपोर्ट जारी करने में देरी होती है।
इस चुनौती से निपटने के लिए जांच का दायरा और बढ़ाया जा रहा है। अब प्रदेश के प्रत्येक जिले में कोरोना का टेस्ट करने के लिए जिलास्तर पर एक ट्रू-नेट (न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट) मशीन लगाये जाने के आदेश होने के बाद बालाघाट में एक मशीन लगाये जाने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक डिमांड लेटर भिजवाया गया है। जिससे बालाघाट में ट्रू-नेट (न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट) मशीन आगामी एक पखवाड़े के भीतर प्रारंभ हो जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिसके लिए प्रयोगशाला का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। जिससे बालाघाट जिले में ट्रू-नेट मशीन लगने के बाद कोरोना जांच की संख्या में इजाफा हो सकेगा।
पुरानी रेडक्रास दुकान के स्थल पर बनाई जा रही प्रयोगशाला
जिला चिकित्सालय में, कभी रेडक्रास की दुकान हुआ करती थी। जिसके बंद हो जाने के बाद से वह स्थल काफी समय से रिक्त पड़ा था। जिला चिकित्सालय के इस स्थल पर ट्रू-नेट (न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट) मशीन लगाने के लिए प्रयोगशाला का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। जहां मशीन के साथ ही लेब टेक्निशियन और डाटा इंट्री ऑपरेटर के बैठने की व्यवस्था बनाई जा रही है। जिला चिकित्सालय के परिसर में युद्धस्तर पर चल रहे प्रयोगशाला कार्य का सोमवार को कलेक्टर दीपक आर्य ने निरीक्षण किया और कार्य तीव्र गति से पूरा कराने के निर्देश दिये। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. आर.के. मिश्रा, डॉ. अजय जैन, आरएमओ डॉ. अरूण लांजेवार, नपा सीएमओ दिनेश बाघमारे और स्वास्थ्य विभाग एवं नपा के इंजीनियर मौजूद थे।
एक दिन में हो सकेगी 20 सैंपलों की जांच
चिकित्सा जानकारों की मानें तो जिला चिकित्सालय में ट्रू-नेट मशीन लगने के बाद कोरोना जांच की संख्या में इजाफा होगा। मशीन की क्षमता अनुसार प्रतिदिन 20 सैंपलों की जांच हो सकेगी। इस तरह एक घंटे में एक सैंपल की जांच की पूरी होगी। जिससे जिले में बड़ी संख्या में आये प्रवासियों और जिले का अन्य कोई व्यक्ति, यदि कोरोना संदिग्ध पाया जाता है तो उसकी जांच करने में आसानी होगी। यही नहीं बल्कि जांच का दायरा बढ़ने से ज्यादा जांच हो सकेगी और उसके बाद मरीजों की पहचान भी जल्द हो सकेगी। जिससे मरीजों के ईलाज करने में सुविधा होगी।
कंपनी के इंजीनियर करेंगे इंस्टालेशन
बताया जाता है कि बालाघाट में ट्रू-नेट मशीन के आने के बाद कंपनी के इंजीनियर मशीन का इंस्टालेशन करेंगे। साथ ही वह जिला चिकित्सालय के डॉक्टर ओर लैब टेक्निशियनों को भी इसके लिए प्रशिक्षित करेंगे, कि वह किस तरह कोरोना के सैंपल की जांच मशीन से करें। जिसके बाद कोरोना के रैपिड टेस्ट जिले में ही हो सकेंगे। हालांकि यह साफ नहीं है लेकिन बताया जाता है कि इस मशीन से कोरोना के रैपिड टेस्ट होंगे। जो निगेटिव आयेंगे उन्हें मान लिया जाएगा और जो सैंपल पॉजिटिव आयेंगे, उनके रिपीट सैंपल कंफर्मेशन के लिए जबलपुर लैब में भेजा जायेगा। अगर वहां से भी पॉजिटिव रिपोर्ट आती है तो उसे पॉजिटिव माना जायेगा।
इनका कहना है
जिला चिकित्सालय में कोरोना जांच के लिए ट्रू-नेट मशीन लगाये जाने के लिए शासन से लेब बनाने के आदेश मिले थे। जिसके बाद जिला चिकित्सालय में लेब बनाने का कार्य प्रारंभ करवा दिया गया है और आगामी सात-आठ दिनों में लेब का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। जिसके बाद जैसे ही शासन से ट्रू-नेट मशीन प्राप्त होती है, उसे लेब में इंस्टाल कर दिया जायेगा। जिससे जिले में कोरोना की जांच में इजाफा होगा। शुरूआती दौर में एक घंटे में एक जांच होने से एक दिन में लगभग 20 जांच हो सकेगी। यह बालाघाट जिले के लिए बड़ी बात होगी कि यहां ट्रू-नाट मशीन से कोरोना की जांच जल्दी हो पायेगी। जिससे टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ने से मरीजों की पहचान और उनके इलाज में आसानी होगी।
दीपक आर्य, कलेक्टर