नीमच, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार द्वारा 29 सितंबर को घोषित की गई अफीम नीति (Opium Policy) के बाद अब किसानों को लाइसेंस वितरण शुरू कर दिया गया है। इससे किसानों को तो लाभ मिलेगा ही इसके अलावा अफीम की खेती करने वाले किसानों में बढ़ोतरी भी देखी जाएगी।
केंद्रीय नारकोटिक्स कार्यालय की ओर से नीमच, जावद और मनासा में अफीम किसानों को लाइसेंस वितरित किया जाना है। अफीम नीति के मुताबिक इस बार सीपीएस और चीरा लगने वाले दो पद्धति के लाइसेंस वितरित किए जा रहे हैं। तीसरे विकासखंड में 700 किसानों को अफीम के लाइसेंस मिल चुके हैं और अभी भी वितरण जारी है।
अफीम के लाइसेंस मिलने के बाद किसानों के चेहरे पर खुशी साफ तौर पर दिखाई दे रही है। नारकोटिक्स विभाग ने किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिए हैं और जिन किसानों के पास अफीम उत्पादन की मात्रा 4.2 से कम है, उन्हें सीपीएस पद्धति के लाइसेंस दिए गए हैं। बता दें कि अफीम किसानों के लिए उनकी खेती बच्चों से भी बढ़कर होती है और इससे उन्हें समाज में सम्मानित दर्जा भी प्राप्त होता है।
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अफीम नीति 2022-23 की बात करें तो इसके तहत किसान 2 से ज्यादा भूखंडों पर खेती नहीं कर सकते हैं। पात्र किसानों को 10-10 आरी के पट्टे मुहैया कराए जाएंगे। अगर व्यक्ति चाहे तो दूसरे की भूमि पट्टे पर लेकर लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। 2019, 2020, 2021, 2022 के दौरान जिन किसानों ने फसल की जुताई की है वह 2023-24 के लिए पात्र नहीं है। 1999 से लेकर 2021 तक जिन किसानों ने 6% से ज्यादा मॉर्फिन उपलब्ध करवाई है उन्हें भी पट्टे मिलेंगे। इस बार दो पद्धति के लाइसेंस दिए गए हैं जिसके मुताबिक सीपीएस पद्धति में जो किसान 3 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ज्यादा और 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से नीचे मार्फिन देते हैं उन्हें दस-दस आरी के पट्टे मिलेंगे।