MP Tourism : चंबल नदी पर बना प्लॉटिंग बांध, पर्यटकों को लुभा रहे आसपास के खूबसूरत नजारें

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MP Tourism : मध्यप्रदेश को पर्यटन के लिहाजे से काफी ज्यादा खूबसूरत और हरियाली से भरपूर माना जाता है। यहां आपको कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का संगम देखने को मिलता है। दूर-दूर से पर्यटक यहां घूमने के लिए और ऐतिहासिक धरोहरों का इतिहास जानने के लिए आते हैं। इन दिनों मध्यप्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। ऐसे में यहां की सभी जगह लोगों को खूब लुभा रही हैं। आज हम आपको मध्यप्रदेश के ‘द हार्ट आफ इंडिया’ कहे जाने वाले गांधी सागर क्षेत्र के बारे में बताने जा रहे हैं।

द हार्ट आफ इंडिया कहलाया जाता है गांधी सागर बांध –

जी हां, इंदौर से करीब 300 किलोमीटर दूर चंबल नदी पर गांधी सागर बांध बना कर तैयार किया गया है। जो पर्यटकों को लुभा रहा है। काफी ज्यादा पर्यटक यहां सैर सपाटे के लिए आ रहे हैं। ये जगह मध्य प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में तेजी से उभर रही है। खास बात ये है कि इस जगह को अब नक़्शे में उतारने के लिए तेजी लाई जा रही है।

घने जंगलों के बना ये बांध –

इतना ही नहीं यहां पर राजस्थान के साथ कई अन्य राज्यों के लोग प्लोटिंग फेस्टिवल मानाने के लिए और घूमने के लिए आ रहे हैं। आप भी अगर मध्यप्रदेश में हैं तो गांधी सागर बांध को देखने जरूर जाए। यहां के नजारें और आसपास की ऊंची हरी भरी पहाड़ियां काफी ज्यादा आकर्षित हैं। ये बांध काफी ज्यादा ऐतिहासिक है। इसे घने जंगलों के बीचों बीच बना कर तैयार किया गया है। ऐसे में ये जगह काफी ज्यादा लुभाने वाली हैं।

रोज होता है प्लॉटिंग स्टेज पर लाइव म्यूजिक शो –

यहां आए पर्यटक जंगल सफारी का भी आनंद ले रहे हैं। इन दिनों यहां पर्यटकों को रोमांचक यात्रा करवाई जा रही है। पानी के बीचों बीच बना प्लॉटिंग स्टेज काफी ज्यादा आकर्षित हैं। यहां लाइव म्यूजिक का भी शो होता है। साथ ही आप यहां आ रहे हैं और ट्रैकिंग का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो आप वो भी कर सकते हैं। आपको यहां तरह तरह के वनप्राणी भी देखने को मिल जाएंगे। बात करें खाने पीने की तो आपको यहां राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश के प्रदीश व्यंजनों का स्वाद चखाया जा रहा है।

चौरासीगढ़ की सफारी यात्रा –

पश्चिमी गांधीसागर अभयारण्य साल भर खुला रहता हैं। आप यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों को देख सकते हैं। यहां आपको वृक्ष प्रजातियां खैर (बबूल कत्था), सलाई, करधई, धवड़ा, तेंदू, पलाश भी देखने को मिल जाएगी। इसके अलावा यहां आप चिंकारा, नीलगाल, तेंदुआ, लंगूर, जंगली कुत्ते, मोर, ऊदबिलाव जैसे जानवरों को देखने का लुफ्त उठा सकते हैं। यहां रोजाना 500 से ज्यादा सैलानी घूमने के लिए आते हैं। धीरे धीरे इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।

जाने कैसे पहुंच सकते हैं यहां –

आप बस, ट्रेन या फिर खुद के वाहनों से भी पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी गरोठ रेलवे स्टेशन हैं। ये 56 किलोमीटर दूर है। यहां से आपको पर्यटन स्थल पहुंचने के लिए कई निजी वाहन मिल जाते हैं। आप यहां नीमच और मंदसौर से भी आसानी से पहुंच सकते हैं।

 


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Ayushi Jain

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