बेटी से रेप की कोशिश, मां ने किया बचाव तो दंबगो ने की पिटाई, आरोपी फरार

narsinghpur gangrape case

बैतूल, डेस्क रिपोर्ट। देश भर से आ रहे महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों ने उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए है। उत्तरप्रदेश और राज्यस्थान से आए मामलों के बीच मध्यप्रदेश से भी आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले आ रहे है। इसी कड़ी में आज बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के गांव से एक युवती से साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है, जिसमें खेत में काम कर रही एक लड़की का दबंगों द्वारा पहले तो अपहरण कर प्रयास किया गया, जिसके खिलाफ जब पीड़िता ने हल्ला मचाया तो उसकी मां उससे बचाने के लिए आई, जिसके बाद दबंगों ने मां-बेटी पर हमला कर दिया, जिसके चलते दोनों घायल हो गई और आरोपी मौका देख फरार हो गए। मामले की जानकारी लगते ही घयलों के परिजन मौके पर पहुंचे और तुंरत उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। दोनो का फिलहाल इलाज जारी है। वहीं पीड़िता के बयान पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

पीड़िता ने पुलिस को मामले के बारे में बताते हुए कहा कि जब वो खेत में काम कर रही थी तो उसी दौरान गांव के चार दंबग आए और उसके साथ जबरदस्ती कर उसे उठा कर ले जाने का प्रयास करने लगे, जिस पर वो चिल्लाई तो उसकी अवाज सुनकर उसकी मां मौके पर पहुंची। पीड़िता ने आगे बताया कि जब उसकी मां ने उसे बचाने की कोशिश की तो आरोपियों ने लाठियों ने उसकी मां की पिटाई शुरु कर दी, जिसके चलते उसकी मां का पैर टूट गया है। वहीं पूरे मामले पर घोडाडोंगरी पुलिस चौकी के एसएआई ने बताया कि गांव में लोगों ने मां और बेटी के साथ मारपीट की हैं। मामले को दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की तलाश की जा रही है। वहीं दोनों घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।