बैतूल, वाजिद खान। बैतूल में बालक छात्रावास खुलवाने की मांग पर अड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने आज कलेक्ट्रेट में उनका ज्ञापन लेने आए कलेक्टर राकेश सिंह को यह कहकर वापस कर दिया की जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता वे कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे रहेंगे। इसके बाद वे घंटों कलेक्ट्रेट में बैठकर नारेबाजी करते रहे।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे सभी पोस्ट मैट्रिक पिछड़ा वर्ग बालक छात्रावास के विद्यार्थी हैं। देश में कोविड-19 के बाद सरकार के नियमों के अनुसार बालक छात्रावास मार्च 2020 से कोरोना सेंटर बनाए गए थे जिसके कारण 100 सीटर छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों को पलायन करना पड़ा था। यह छात्रावास आज तक शुरू नहीं किए गए हैं जबकि सभी कॉलेज शुरू कर दिए गए हैं। प्रतियोगी परीक्षाएं भी शुरू हो गई हैं, ऐसे में उनके छात्रावासों को खोला जाना चाहिए। परिषद का कहना है कि सभी विद्यार्थी रूम का किराया देने में सक्षम नहीं है ऐसे में उनके सामने रुकने ठहरने की दिक्कतें पेश आ रही है। इसीलिए प्रशासन को पोस्ट मैट्रिक पिछड़ा वर्ग बालक छात्रावास खोलना चाहिए।
इसी मांग का ज्ञापन लेकर परिषद कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। उन्हें कलेक्टर को ज्ञापन देना था लेकिन जब कलेक्टर उनका ज्ञापन लेने पहुंचे तो पहले तो उन्होंने ज्ञापन देने से इनकार कर दिया और फिर कलेक्टर से कहा कि वह लिखित में आश्वासन दें। कलेक्टर राकेश सिंह ने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि जब तक लिखित आश्वासन नहीं देंगे तब तक धरने पर बैठे रहेंगे। यह कहकर कार्यकर्त्ताओं ने कलेक्टर को वापस लौटा दिया। इसके बाद बैतूल तहसीलदार अशोक डेहरिया और डिप्टी कलेक्टर आर आर पांडे भी कार्यकर्ताओं को समझाने आए, लेकिन उन्होंने धरना खत्म करने से इंकार कर दिया। आखिरकार आश्वासन के बाद धरना खत्म किया गया।