अंधाधुन बोलेरो ने मारी गाड़ियों को टक्कर, सैलून में घुसी

Gaurav Sharma
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बैतूल,वाजिद खान। जिले में रविवार की रात एक शराबी ड्राइवर ने ऐसा कहर ढाया कि लोग अपनी जान बचाकर भागे । इस ड्राइवर ने अपनी बोलेरो से कई खड़े वाहनों को टक्कर मारी और इसके बाद सैलून की दुकान में घुस गई। घटना के बाद भीड़ एकत्रित हो गई, लेकिन पुलिस के पहुंचने के कारण ये ड्राइवर पिटते पिटते बच गया । रविवार की रात बैतूल शहर के कमानी गेट के पास व्यस्तम इलाके में सारणी की ओर लहराती हुई जा रही एक बोलेरो के शराबी ड्रायवर ने कहर बरपा दिया । अनियंत्रित बोलेरो ने काम्प्लेक्स के सामने खड़ी एक कार को टक्कर मारी फिर वही खड़ी चार पांच बाइक को टक्कर मारते हुए सैलून की दुकान में घुस गई । इस दौरान दुकानदार कुछ ग्राहकों की सेविंग कर रहा था लेकिन बोलेरो गेट तक ही पहुंची और रुक गई । पूरे हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है ।

 

हालांकि घटना में एक दो लोगों को हल्की फुल्की चोट जरूर लगी है । इस घटना में सैलून की दुकान में कांच के शौकेस और कांच का दरवाजा टूट गया, साथ ही वहां रखा सामान भी बिखर गया । वहीं पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, वहीं घटना से नाराज लोग इकट्ठे हो गए और ड्राइवर को पीटने ही वाले थे इतने में पुलिस मौके पर पहुंच गई, जिससे ड्राइवर पिटते पिटते बच गया। पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है और बोलेरो को जब्त कर ली गई है ।

डीएसपी संतोष पटेल का कहना है कि हम लोग पास के एक रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे कि अचानक आवाज आई और हम लोगों ने बाहर जाकर देखा तो एक बोलेरो कार जिसे एक शराबी ड्राइवर चला रहा था उसने चार-पांच बाइक जो खड़ी थी उसमें टक्कर मारी दी और एक कार खड़ी थी उसमें भी टक्कर मारी और इसके बाद वह सैलून की दुकान में घुस गई, कुछ लोगों को हल्की फुल्की चोट लगी है एक बड़ा हादसा टल गया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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