बैतूल/वाजिद खान
कोरोना काल में प्रकृति के संतुलित होते आयाम के बीच पशु पक्षियों के कलरव भी बढ़ गए हैं। पक्षियों की बेखौफ उड़ानें ,पेड़ों पर उनकी चहचहाट से आसमान गूंजने लगा है। ऐसे में इन परिंदों के खाने पीने की चिंता और उसका इन्तजाम बैतूल में देखने को मिल रहा है, जहां समाजसेवी युवाओं के एक दल ने पक्षियों के पीने के लिए पानी और चुगने के लिए दाने का प्रबंध किया है। समाजसेवी युवकों का यह समूह बैतूल में पेड़ लगाने और उन्हें संभालने संजोने के लिए जाना जाता है। इस ग्रुप ने अब एक नई पहल की है।
युवाओं ने कबाड़ में मिलने वाले प्लास्टिक और टीन के डिब्बों को तराशकर उन्हें पक्षियों के जल पात्र और दानों का दोने बना दिया है। इन डिब्बों को शहर के अलग अलग हिस्सों में पेड़ पर लटका दिया गया है। डिब्बों में पानी भर दिया गया है तो कुछ में दाने डाले गए हैं। डिब्बों की बनावट ऐसी रखी गयी है कि पक्षी उनपर बैठकर आसानी से पानी पी सके। युवकों ने अब तक डेढ़ सौ पेड़ों पर यह इन्तजाम किया है। इसके लिए वे रोज रिक्शा की मदद से इन पात्रों में पानी भी डालते है। ये चाहते हैं कि पक्षियों के लिए की गई उनकी यह पहल एक प्रेरणा बन जाये। गर्मियों में परिंदों की प्यास बुझाने के इस तरीके को हर कोई सराह रहा है। आप को बता दे कि युवाओं का यह दल बैतूल में चार हजार पेड़ लगा चुका है, जिसकी वह देखरेख भी करता है।