बैतूल: प्रीमियम जमा करने पर भी नहीं मिला फसल बीमा, किसानों ने किया प्रदर्शन

बैतूल, वाजिद खान। फसल बीमा योजना किसानों के लिए मजाक बन गई है, कहीं फसल बीमा में एक रुपए मिल रहा है तो कहीं 50 और 100 रुपए। कई गांव के किसानों का तो यह भी आरोप है कि उन्होंने फसल बीमा का प्रीमियम जमा किया है लेकिन उन्हें फसल बीमा मिला ही नहीं। फसल बीमा नहीं मिलने से किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश दिख रहा है। सोमवार को कांग्रेस धनोरा, अंबाड़ा, टेमनी, खैरवाड़ा, हिवरा, सावंगी, बेलकुण्ड, मानी सहित कई गांव के किसान बैतूल कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां नारेबाजी कर उन्हें अपना विरोध जताया।

ज्ञापन सौंपकर इन्होने बताया कई किसानों को पिछले साल और इस साल का फसल बीमा नहीं मिला है तो कई किसानों का कहना है कि उन्होंने 2019 में प्रीमियम जमा किया था लेकिन उन्हें फसल बीमा नहीं मिला। अब फसल बीमा ना मिलने से किसान दुखी हैं। उनका कहना है कि प्राकृतिक आपदा के चलते फसलें खराब हो गई है ऊपर से फसल बीमा का प्रीमियम जमा किया है, अगर फसल बीमा की राशि मिल जाती तो आज खाद बीज में जो राशि खर्च हुई थी उसकी भरपाई हो जाती। फसल बीमा के मुद्दे को लेकर कांग्रेस भी आगे आ गई है और कांग्रेस का कहना है कि अगर इन किसानों की मांग पूरी नहीं होती तो हम चक्काजाम और आंदोलन करेंगे।

 

शिव शंकर धोटे ( किसान )( शिव शंकर धोटे का कहना है कि आठनेर तहसील के कांग्रेस धनोरा गांव से आए हैं हम लोगों ने पिछले साल और साल दोनों साल प्रीमियम जमा किया था लेकिन पिछले साल भी हम लोग फसल बीमा नहीं मिला इस साल भी हमें फसल बीमा नहीं मिला हमने 600 रुपये हेक्टेयर के रूप में प्रीमियम राशि जमा की थी अगर फसल बीमा मिल जाता तो हमें जो खाद बीज का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हो जाती)

 

हेमन्त वागद्रे ( कांग्रेस नेता )( हेमंत वागद्रे का कहना है कि भाजपा सरकार में किसान मजाक बन रहे हैं फसल बीमा में कहीं दस रुपये मिल रहे कहीं एक रुपए मिल रहा है कहीं तो बीमा की राशि भी नहीं मिल रही है अगर किसानों की मांग पूरी नहीं हुई तो हम चक्का जाम करेंगे आंदोलन करेंगे)

 

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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