बैतूल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के बैतूल में संपत्ति के लालच में एक बेटी इस कदर अंधी हो गई कि उसने अपने पति के साथ मिलकर माँ को ही मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी बेटी और दामाद ने परिजनों को बताया कि नर्मदा स्नान के दौरान माँ नदी में बह गई लेकिन पुलिस ने दोनों से सच उगलवा ही लिया। दरअसल माँ ने कुछ दिनों पहले एक जमीन बेची थी जिससे मिले रुपयों को वह दो बेटियों में बराबर बांटना चाहती थी लेकिन आरोपी बेटी नहीं चाहती थी कि उसको दूसरी बहन को माँ हिस्सा दे।
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बताया जा रहा है कि मृतिका भागिरती छोटी बेटी ऊषा और दामाद करन वाईकर के पास एक महीने से रह रही थी। कुछ दिन पहले ही उन्होंने गांव की जमीन 5 लाख 82 हजार रुपए में बेची थी। ये रुपए उन्होंने ऊषा के खाते में जमा करवा दिए थे। भागिरती की दो बेटियां हैं। उसने दोनों बेटियों को आधा आधा पैसा देने की सोची और यह बात छोटी बेटी को बताई, जिसके बाद छोटी बेटी माँ के इस फैसले पर नाराजगी जताई, उसने कहा कि जब वह उसके साथ रह रही है तो फिर आधी रकम दीदी रेखा पाटिल निवासी पाथाखेड़ा को क्यों देगी। इसी को लेकर छोटी बेटी और माँ के बीच विवाद होने लगा। 29 मई को भी मां-बेटी में जमकर विवाद हुआ। गुस्से में ऊषा ने बड़ा पत्थर उठाकर मां के सिर पर मार दिया। पत्थर लगते ही वह बेहोश होकर गिर गई। पति के साथ मिलकर लाश को पॉलीथिन में लपेटा और कार में रखकर बंजारी माई के आगे पीपल खूटा की ढलान में फेंक दिया।इसके बाद उषा ने परिजनों को बताया कि नर्मदापुरम में स्नान के दौरान माँ नदी में बह गई वही उषा और उसके पति ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया कि वह कही चली गई, लेकिन जब बैतूल -परासिया स्टेट हाईवे पर 6 जून को पुलिस को जंगल में बंजारी माई के पास बुजुर्ग महिला का शव मिला तो सारी कहानी का खुलासा हुआ। आरोपियों ने पूछताछ में माना कि पैसों के लालच में माँ को मौत के घाट उतार दिया।