बैतूल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के भोपाल- नागपुर फोरलेन मार्ग के नेशनल हाईवे 69 पर शाहपुर केसला थाने के अंतर्गत आने वाले ग्राम सुखतवा में नदी पर अंग्रेजों के समय बना पुल उस वक़्त भरभराकर गिर गया जब उस पर से 138 पहिये का ट्राला गुजर रहा था, इसी दौरान बेहद पुराना यह पुल भार सहन नहीं कर पाया और टूट गया। इस हादसे में ट्राला भी सामान सहित पुल के नीचे गिर गया है। बताया गया कि ट्राला हैदराबाद से पावर ग्रिड इटारसी तक जा रही इस मशीन को ले जा रहा था। पॉवर ग्रिड की मशीन सहित ट्राला पुल के नीचे गिर जाने से खासा नुकसान भी हुआ है। वही पुल टूटने के दौरान मौके पर बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई थी। इस पुल से हर दिन लगभग 5 हजार से अधिक वाहन गुजरते थे.
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पुल टूटने के बाद ट्रैफिक की नई व्यवस्था
ब्रिटिश हुकूमत के इस पुल के टूटने की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया, पूरा ट्रैफिक रोक दिया गया, नेशनल हाईवे पर जाम लग गया है। बताया जा रहा है कि तोशिबा कंपनी का यह ट्राला हैदराबाद से इटारसी के लिए 6 मार्च को निकला था, ट्राले में 17 फीट ऊंची और लगभग 20 फीट चौड़ी मशीन लोड थी, खराब होने के कारण यह 4 दिन तक बैतूल के सातमऊ स्टाप के पास हाईवे किनारे खड़ा रहा,जिसको सुधारने के लिए इंजीनियर बुलाए गए थे, ट्रॉला रविवार को बैतूल से इटारसी जाने के लिए फिर रवाना हुआ,लेकिन हादसे का शिकार हो गया,पुल के दोनों ओर लंबी वाहनों की कतारें लग गई। जिसके बाद मौके पर पहुंचे प्रशासन ने यातायात को हरदा होते हुए डायवर्ड किए जाने का फैसला लिया। पुल टूटने के बाद अब पाढर के पास से चिचोली होते हुए हरदा रोड पर वाहन पहुंचेंगे। वहीं बैतूल से वाहन खेड़ी चिचोली होते हुए हरदा की ओर निकलेंगे। इसी तरह से होशंगाबाद से हरदा होते हुए वाहन बैतूल पहुंचेंगे। फिलहाल जब तक पुल के पास से कोई वैकल्पिक मार्ग तैयार नहीं हो जाता यही व्यवस्था बनी रहेगी।
ब्रिटिश हुकूमत का था पुल
सुखतवा नदी का भरभराकर गिरा पुल ब्रिटिश हुकूमत के जमाने में बना हुआ था। सवा साल से अधिक समय के पुराने पुल पर अचानक हुए इस हादसे में फिलहाल किसी की मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं चालक एवं परिचालक की भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। बताया गया है कि पुल नदी की तलहटी से करीब 40 फीट ऊंचा था। जो टूटने के बाद जमींदोज़ हो गया।