12 महीने बाद सुलझी ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री, SIT ने किया खुलासा, 7 आरोपी गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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बैतूल, वाजिद खान। मध्य प्रदेश के बैतूल में पिछले साल 18 नवम्बर को प्रापर्टी ब्रोकर नंदू मालवीय उसकी महिला मित्र फुलवा और नौकरानी गीता की हत्या की मिस्ट्री (Triple murder mystery) पुलिस ने सुलझा ली है। इस ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री में ब्रोकर और उसकी महिला मित्र के भतीजो की अहम भूमिका थी। 12 महीने पहले हुए इस हत्याकांड के रहस्य को 12 अफसरों की SIT ने सुलझा कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हत्या की वजह जमीन जायदाद का विवाद बताया जा रहा है।

पिछले साल बैतूल के गंज थाना इलाके के भग्गुढाना में रहने वाले प्रापर्टी ब्रोकर नंदू मालवीय उसके साथ लिव इन मे रहने वाली आदिवासी महिला फुलवा और उसकी नौकरानी गीता की धारदार हथियारों से कटी हुई लाशें उसके घर पर मिली थी। 18 नवम्बर 2019 की रात नंदू के घर मिली इन लाशो के मिलने के बाद जहां पुलिस डिपार्टमेंट में हड़कम्प मच गया था। वहीं इस मामले से इलाके में सनसनी फैल गई थी। उस समय एसपी के कार्तिकेयन ने इस ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने एक एसआईटी की टीम गठित की थी। जो लगातार इस हत्याकांड से पर्दा उठाने की कोशिश कर रही थी।

ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने SIT टीम गठित

पुलिस ने इस मामले में नंदू के भतीजे जितेंद्र उर्फ जित्तू को घटना के 9 दिन बाद 29 नवम्बर को हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जो जमानत पर बाहर आ गया था, लेकिन मुख्य आरोपियों के न मिलने और मृतक के एक हाथ का पंजा गायब होने से यह ट्रिपल मर्डर पुलिस के लिए पहेली बनी हुई थी। SIT ने इस मामले में बारीकी से जांच की तो कई परते खुलकर सामने आ गई। जिसमें खुलासा हुआ कि फुलवा का भतीजा अशोक धुर्वे उसकी मिलानपुर स्थित जमीन पर खेती कर रहा था। जिसे फुलवा ने किसी को बेच दिया था।

जमीन विवाद के चलते दिया घटना को अंजाम

जमीन से इस बेदखली से अशोक उससे नाराज था। इसी बीच नंदू का भी अपने भतीजे जितेंद्र उर्फ जित्तू से प्रापर्टी को लेकर झगड़ा चल रहा था। गणेश स्थापना के दौरान दोनों मिले तो उन्होंने एक दूसरे से इन झगड़ो का जिक्र किया और फिर दोनों ने नन्दू और फुलवा को रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया। घटना वाले दिन अशोक नंदू के घर पहुंचा, जहां उसका फुलवा से विवाद हो गया। इसी बीच वहां नंदू भी पहुंच गया। नंदू ने यहां अशोक को तमाचा मारा तो झगड़ा बढ़ गया। गुस्से में भरे अशोक ने नंदू की हत्या कर दी। फिर फुलवा और घटना को देखने वाली नौकरानी को भी मार डाला। इस हत्याकांड को अशोक और उसके साथी सतीश, श्रीराम, जित्तू और उसके फर्नीचर मार्ट के कर्मचारी योगेश, अजय, रवि चावरे, कमलेश सोनी ने मिलकर अंजाम दिया।

मृतक का पंजा ले गए साथ

खास बात ये रही कि इस हत्याकांड में आरोपी, मृतक नंदू के हाथ का पंजा अपने साथ ले गए। जिसके बारे में पता चला कि मृतक के हाथ से सोने की अंगूठी निकालने के लिए वे पंजा ही अपने साथ ले गए। जिसे बाद में जला दिया गया।

इस मामले में बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद का कहना है कि फुलवा का भतीजा अशोक धुर्वे उसकी जमीन पर खेती कर रहा था, जिसे फुलवा ने किसी को बेच दिया था। जमीन से बेदखली से अशोक उससे नाराज था। इसी बीच नंदू का भी अपने भतीजे जितेंद्र उर्फ जित्तू से प्रापर्टी को लेकर झगड़ा चल रहा था। गणेश स्थापना के दौरान दोनों मिले तो उन्होंने एक दूसरे से इन झगड़ो का जिक्र किया और फिर दोनों ने नन्दू और फुलवा को रास्ते से हटाने का प्लान तैयार कर लिया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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