बैतूल/वाजिद खान
सरकार और बस ऑपरेटर्स के बीच फंसे टैक्स माफी के पेंच में पूरे प्रदेश के हजारों कामगार पिस रहे है। यात्री बसों का संचालन न होने से बसों के ड्राइवर, कंडक्टर, क्लीनर से लेकर हम्माल और एजेंटों के सामने भूखा मरने की नौबत आ गयी है। इसी से नाराज एजेंटों, हम्मालों और ड्राइवर, कंडक्टरों ने शुक्रवार को बैतूल में कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी पीड़ा बयान की। इन कामगारों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर उनकी मदद की गुहार लगाई है।
लॉकडाउन और उसके बाद बस संचालन के बन्द होने से बेरोजगार हुए ये लोग कलेक्ट्रेच पहुंचे और सरकार से मांग की है कि सरकार उन्हें तीन तीन महीने का राशन और खातों में दस दस हजार की रकम उपलब्ध कराएं। इन कामगारों ने चेतावनी दी है कि सोमवार तक उनकी मांगों पर फैसला नही लिया जाता है तो वे 16 जून मंगलवार को जिले भर के कामगारों को इकट्ठा कर जिला मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। बस ऑपरेटर्स से जुड़े इन कामगारों को कांग्रेस संगठन ने भी सहयोग का भरोसा देते हुए आंदोलन से जुड़ने की हिमायत की है। कर्मचारियों का कहना है कि इस बेरोजगारी से तंग होकर उनके एक साथी की मौत हो गयी है और उनके परिवार भूखमरी का सामना कर रहे है।
बता दें कि अनलॉक 01 में सरकार ने बस ऑपरेटर्स को 50 फीसदी सवारी के साथ बसों के संचालन की अनुमति दे दी है। लेकिन बस ऑपरेटर इसे घाटे का सौदा बता रहे हैं। उन्होंने लॉकडाउन अवधि का रोड टैक्स माफ करने की मांग की है। लेकिन इसे अब तक न माने जाने से पूरे प्रदेश में यात्री बसों के पहिये थमे हुए है।