कांग्रेस विधायक निलय डागा की राम भक्ति, राम मंदिर निर्माण के लिए शुरू की अनोखी पहल

बैतूल,वाजिद खान। भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए हर व्यक्ति को ऐसा लग रहा है कि उसका योगदान भी मंदिर निर्माण में रहे, इसी को लेकर मध्य प्रदेश के बैतूल में राम भक्ति में डूबे कांग्रेस विधायक ने अनोखी पहल शुरू की है । सिर पर केसरिया टोपी और हाथों में राम मंदिर के चित्र वाला दानपात्र लेकर शहर में गाजेबाजे के साथ घूम रहे ये है कांग्रेस के विधायक निलय डागा जिन्होंने संकल्प लिया है कि उनकी विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति का योगदान राम मंदिर निर्माण में हो इसी को लेकर वे दानपात्र में सहयोग राशि एकत्रित कर रहे हैं ।

दरअसल, बैतूल विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक निलय डागा ने अपनी विधानसभा के प्रत्येक व्यक्ति से राम मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिये गांधी जयंती के मौके पर एक अभियान शुरू किया है । इस अभियान का नाम उन्होंने एक व्यक्ति एक रुपया रखा है । इसके लिए वे अपनी विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति से एक रुपये की सहयोग राशि लेंगे और उसे राम मंदिर ट्रस्ट को भेजेंगे । इस अभियान को उन्होंने 51 सेक्टर में बांटा है । हर सेक्टर पर एक दान पात्र रहेगा जिसे उनके समर्थक घर घर जाकर सहयोग राशि लेंगे । एक रुपये लेने के पीछे उनका उद्देश्य है कि गरीब हो अमीर सभी का योगदान बराबर रहे और सभी को लगे कि भव्य राम मंदिर निर्माण में उनका भी योगदान है । इस अभियान की शुरुआत दान पात्रों की विधि विधान से पूजा करने के बाद हुआ। विधानसभा क्षेत्र में 70 हजार परिवार हैं, जिनके लगभग चार लाख सदस्य हैं ।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।