बैतूल, वाजिद खान। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) में शुक्रवार एक शादी (Wedding) समारोह का अलग ही नजारा देखने को मिला । यहां दूल्हा-दुल्हन (Bride And Groom) ने बारातियों को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर अलग अलग तरह के पौधे भेंट किए। बारातियों के हाथ में गमले देख कर ऐसा लग रहा था मानो कोई शादी नही बल्कि किसी नर्सरी में आ गए हो ।इस पहल के बाद हर कोई इस शादी की तारीफ करे बिना नही रह पाया।
दरअसल, शुक्रवार को बैतूल में हुई एक शादी में पर्यावरण और जल संरक्षण (Environmental and water conservation) के कई वर्षों से कार्य कर रहे समाजसेवियों ने अपनी नर्सरी Nursery) में तैयार किये फलदार , औषधियों ओर फूलदार पौधों में मुगना , गुलहड़ , तुलसी श्वेत श्याम , निम्बू , कलमी आम , जामुन , अमरूद , गिलोय , मिठानीम , ओर फूलदार कुल 501 पौधों के गमलों का वितरण किया । विवाह समारोह में पहली बार इस प्रकार का दृश्य देखने को मिला कि आये हुए अतिथियों को दूल्हे राजा स्वयं ही द्वार पर हाथ से पौधे बांटते मिले । जोधपुर राजस्थान से आये वधु पक्ष ने बैतूल में दिखे प्रकृति प्रेम की दिल से प्रशंसा की और स्वयं ने भी आये अतिथियों को हाथ जोडकर ले जा रहे पौधों को उचित स्थान पर लगाने के लिए आग्रह किया ।
समाजसेवी तरुण वैध का कहना है कि दूल्हा यतीन्द्र पालीवाल फर्नीचर और इंटीरियर डिजाइनर का कार्य करते हैं और विवाह के 45 दिन पूर्व ही उन्होंने अपने विवाह में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य करने की अंशदान देने की इच्छा व्यक्त की थी ।निश्चित ही बैतुल जिले के इतिहास में यह पहला विवाह समारोह होंगा जिसमे की इतने बड़े स्तर पर पौधा लगाने वाले के पास उपलब्ध उचित जमीन , गार्डन , लेंटर ,पोर्च इत्यादि के आधार पर उन्ही की स्वेच्छा अनुसार आगन्तुक पौधों का चयन करके ले गए ।
दूल्हे यतीन्द्र का कहना है कि मैं फर्नीचर व्यापारी हूं और फर्नीचर के लिए जंगल से लकड़ी आती है, तो मेरे मन में था कि मैं भी कुछ इसके बदले दूं, तो मैंने सोचा क्यों ना शादी में लोगों को पौधे बांटे जाए और मेहमानों को पौधे बांट दिए। दुल्हन रुचिका का कहना है कि हमारी शादी में पौधे बांटने का यह कार्यक्रम अच्छा लगा और मैंने पहली बार देखा कि किसी शादी में 500 पौधे बांटे गए।रिश्तेदार अशोक का कहना है कि मैं ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) से आया हूं मेरे साले की शादी थी उन्होंने यह आईडिया बताया मुझे अच्छा लगा मैं भी आगे इस पर काम करूंगा। समाजसेवी तरुण का कहना है कि हम लोग प्लांटेशन का काम करते हैं दूल्हे ने हमसे संपर्क किया था कि हम भी प्रकृति के लिए कुछ अंशदान देना चाहते हैं इसके लिए हम लोगों ने औषधि फल और फूल के पौधे तैयार किए और दूल्हे दुल्हन ने इन्हें बांटने की शुरुआत की और फिर हम लोगों ने उन पौधों को मेहमानों को बांटा।