बैतूल,वाजिद खान। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों ने भी आज बुधवार को आंदोलन किया। हालाँकि ये आंदोलन कृषि बिल को लेकर नहीं था। किसानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर बैतूल इंदौर हाइवे (Betul Indore Highway) पर चक्का जाम किया। किसानों और ग्रामीणों का आरोप है कि उनको अधिग्रहित की जा रही जमीन पर बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है।
बैतूल – इंदौर हाइवे के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीनों को लेकर दिए जा रहे मुआवजे का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। आज इसे लेकर किसानों और ग्रामीणों ने बैतूल से 30 किलोमीटर दूर बैतूल इंदौर हाइवे पर जाम कर दिया। सैकड़ों की तादाद में सड़क पर उतरे ग्रामीणों ने जोगली गांव में इस हाइवे पर रास्ता रोककर जाम लगा दिया। जिससे दोनों तरफ का यातायात रुक गया। और वाहनों की लम्बी लम्बी कतारें लग गई। मुआवजे में विसंगति और बेहद कम राशि दिए जाने, अधिग्रहित की जा रही जमीनों, मकानों, खेत, पेड़ कुँए का मुआवजा बेहद कम असेसमेंट के आधार पर दिए जाने से ग्रामीण नाराज है, यहां किसी को 181 रुपये मुआवजा मिल रहा है तो कई जगह तुलनात्मक रूप से यह बेहद कम तो कहीं बहुत ज्यादा मुआवजा दिया जा रहा है । ग्रामीण इसे लेकर दो साल से भटक रहे हैं, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिए जाने से उनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है। सोमवार को बैतूल एसडीएम से मुलाकात के बाद जब कोई संतोषजनक जवाब नही मिला तो ग्रामीणों ने हाइवे जाम कर दिया। इसकी खबर मिलने के बाद मौके पर पहुचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाइश देकर कई घण्टे बाद इस चक्काजाम को खत्म कराया।
इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक ब्रह्मा भलावी भी पहुँच गए उन्होंने भी इस मुआवजे को बेहद कम बताते हुए ग्रामीणों की मांग को सही ठहराया। घोड़ाडोंगरी के विधायक ब्रह्मा भलावी का कहना है कि अगर पुनः सर्वे नहीं हुआ और ग्रामीणों को सही मुआवजा नहीं मिला तो मैं इनके लिए अनशन पर बैठूंगा। प्रदर्शनकारी लोकेश का कहना है कि अवार्ड जुलाई-अगस्त में पारित कर दिया गया था और 3 माह बाद नोटिस दिए गए लेट होने पर अब ब्याज कौन देगा और नोटिस लेट होने पर जो खेत में खड़ी फसल है उसका नुकसान कौन देगा। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।