Bhind : बांध में फेंकी जा रही है लंपी बीमारी से मृत गोवंश के शव, संक्रमण का खतरा

Amit Sengar
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भिंड, सचिन शर्मा। मध्यप्रदेश के भिंड (Bhind) जिले से एक बड़ी खबर आ रही है जहाँ लंपी वायरस बीमारी से मृत गोवंश के शव को दफनाने की बजाय बांध में फैंका जा रहा है। जिससे बांध के पानी प्रदूषित होने का खतरा बना हुआ है, वहीं संक्रमण फैलने की आशंका से लोग ग्रसित हैं। वहीं खुले में मृत पशुओं को फेंकने पर मनाही है। बावजूद इसके पशुओं के शव खुले में फैंके जा रहे हैं।

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बता दे की यह वीडियो भिंड जिले की गोहद तहसील का जिसमें लम्पी वायरस से संक्रमित गायों की मौत हो गई थी। साफतौर पर वीडियो में देखा जा सकता है कि नगरपालिका के कर्मचारी द्वारा मृत गायों को बैसली बांध में फैंका जा रहा है इस पूरी घटना की वीडियो सामने आने पर नगर के नागरिकों ने कलेक्टर से लेकर स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से इस घटना की निंदा की। कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। क्योंकि इसके पानी को जीव जंतु सहित गोहद की जनता इस्तेमाल करती हैं। अब सवाल उठता हैं कि क्या प्रशासन पूरी गोहद में लम्पी वायरस फैलाना चाह रहा है और आस पास रहने वाले लोगों पर नई बीमारी का खतरा भी मंडराने लगा है। गोवंश में फैले इस वायरस की तुलना मनुष्यों के लिए जानलेवा साबित हुए कोरोना वायरस से भी की जा रही है।

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गौरतलब है की कुछ दिनों पहले एक आदेश कलेक्टर भिंड द्वारा निकाला गया की मवेशी मुख्य मार्ग पर बैठे न मिले लेकिन किसी ने इस आदेश का एक दिन भी पालन नही किया खबर चली लेकिन किसी को कोई फर्क नही पड़ा। अभी भी भिंड जिले में कई जगह वायरस से संक्रमित गाय खुले में घूम रही हैं जिनको न तो आइसोलेशन में रखा गया न उनका उपचार किया जा रहा है। और वहीं लंपी वायरस से मृत गोवंश को खुले में फैंकने से चर्चाएं नगर में माहौल गर्म हैं। साथ ही लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रही हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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