भिंड – गणेश भारद्वाज
पैसे के लेनदेन और अदद एक कश गांजा न पिलाने के कारण तीन लोगों ने मिलकर नदोरी के बीहड़ में आश्रम पर निवास करने वाले बाबा प्रहलाद दास की हत्या की थी। इस बात का खुलासा आज ऊ मरी थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह गुर्जर ने किया। थाना प्रभारी गुर्जर ने बताया कि किस प्रकार से तीन लोगों ने मिलकर 6 जुलाई की रात बाबा प्रहलाद दास की हत्या की थी। आज पुलिस टीम ने सुमेर पुत्र चैट सिंह भदौरिया व सुमेर पुत्र विद्याराम सिंह भदौरिया निवासी कनावर नाम के दो आरोपी गिरफतार किए हैं। एक आरोपी नरेंद्र सिंह पुत्र रामभरोसे अभी भी फरार है। पुलिस उसे जल्द पकड़ने का दावा कर रही है ।, पुलिस के लिए तीन दशकों से थाना क्षेत्र के नरौली गांव के बीहड़ में रहने वाले पहलाद दास बाबा का अंधा कर दो का खुलासा करना किसी चुनौती से कम नहीं था। 3 महीने में ही पुलिस ने एक के बाद एक सुराग प्राप्त करके आरोपियों की गर्दन तक अपने लंबे हाथ पहुंचा दिए, आरोपियों को गिरफ्तार करने पर और अंधे कत्ल का खुलासा करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक रुडोल्फ अल्वारेस ने थाना प्रभारी रविंद्र सिंह गुर्जर व टीम को पुरस्कृत करने घोषणा की है।
अंग्रेजों के जमाने से प्रसिद्ध है नडरी गांव
ज्ञात हो कि बाबा प्रहलाद दास की हत्या से करीब 3 माह पहले पूर्व सांसद डॉ भागीरथ प्रसाद पत्रकारों के एक दल के साथ बाबा के आश्रम पर पहुंचे थे तब वहां बीहड़ में बाबा का आश्रम देखकर काफी अचंभित हुए थे और बाबा की तपस्या से काफी प्रभावित भी हुए थे। ज्ञात हो कि नरौली गांव अंग्रेजों के जमाने से प्रसिद्ध गांव है यहां के निवासियों को अंग्रेजो के द्वारा काफी प्रताड़ित किया गया था और यहां के निवासी भदोरिया लोगों ने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया था। आज भी गांव में सिंधिया राजवंश के तमाम चिन्ह देखने को मिलते हैं।