भिण्ड, गणेश भारद्वाज| भिण्ड (Bhind) में पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह (SP Manoj SIngh) की मुखबिर सूचना पर नकली दूध बनाने का कारखाना पकड़ा गया है। लक्ष्मी डेयरी (Laxmi Dairy) में छापे से शुरू कार्यवाही में बड़ी मात्रा में मिलावट का सामान 10200 लीटर नकली दूध, 2 बोरी मेल्डोज पाउडर, 7 बोरी मेथाडीन पावडर, 43 टिन पाम आयल 2 टिन नकली घी बरामद किया गया।
लक्षमी डेयरी कारखाना का संचालक संतोष ओझा औऱ दो अन्य सहयोगियों को भी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है और इस पर बड़ी कार्यवाही करने की भी जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है। कलेक्टर डॉ वीरेंद्र सिंह रावत के मुताबित ऐसे जमाखोरों पर रासुका की कार्यवाही की जावेगी।
दूध कारखाना संचालक ने खोले कई राज
भिण्ड नगर के अटेर रोड स्तिथ लक्ष्मी डेयरी दूध कारखाना संचालक संतोष ओझा की निशानदेही पर अन्य दुकानों पर छापामारी की गई जिसमें गोपाल चिलर प्लांट से 12000 लीटर नकली दूध, नोवा चिलर प्लांट से 5000 मिलावटी दूध,दिलीप जैन सी दुकान से 33 टिन क्लीन नकली घी और 73 बोरी मेथाडीन पाउडर, 20 टिन पाम आयल बरामद, रामबिहारी जैन की गोडाउन से लगभग 140 बोरी मेथाडीन पाउडर जप्त कर गोदाम सील किया गया । मिलावटखोरों पर की गई इस सम्पूर्ण कार्यवाही में कुल मिलाकर 27000 लीटर मिलावटी दूध 275 बोरी मेथादीन पाउडर, 40 टिन नकली घी,65 टिन पाम आयल बरामद किया गया है। ज्ञात हो कि भिण्ड में मिलावट खोरो पर यह सबसे बड़ी कार्यवाही है। कार्यवाही के बाद जप्त किया गया 27 हजार लीटर दूध नष्ट किया गया है।
नोवा घी और दूध पावडर कारखाने को खपाते थे अमानक नकली दूध
मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित नोवा दूध और घी कंपनी को भिंड की इन्हीं डोरियों से नकली अमानक दूध सप्लाई किया जाता था। क्षेत्र में नोवा कंपनी का घी और दूध पाउडर थोक व्यापारियों के माध्यम से फुटकर दुकानों पर बेचा जाता है।
अंचल लंबे समय से पी रहा है सफेद जहर
भिण्ड में नकली दूध और मावा का कारोबार लंबे समय से फलफूल रहा है। कई दशकों से यहां का सफेद जहर माफिया लोगों को मिलावट कर नकली दूध औऱ मावा खिला रहा है। भिण्ड से प्रदेश और देश के कई महानगरों को दूध और मावा सप्लाई किया जा रहा है। यहां से कई दूध माफिया तो मिलावट युक्त दूध मालनपुर की दूध, घी और चॉकलेट कम्पनियों को सप्लाई कर रहे है। इन पर फ़ूड विभाग के द्वारा कभी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। सूत्रों की माने तो फ़ूड विभाग के कारिंदे इन डेयरियों और दूध कारखानों से मासिक बसूली और कमीशन खोरी भी जाती है।