Lok Sabha Election 2024 : सम्मान की खातिर छोड़ा कांग्रेस का हाथ, अब देवाशीष जरारिया हुए BSP के साथ, भिंड से ठोकेंगे ताल 

अपने इस्तीफे में देवाशीष जरारिया ने लिखा कि कांग्रेस पार्टी दलितों , आदिवासियों, पिछड़ों के हक़ की बात करती है और मेरे ही हक़ पर डाका डाल दिया, यहाँ दलित समाज इस्तेमाल कर फेंक देने के लिए है

Atul Saxena
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Lok Sabha Election 2024 : बुधवार को सुबह कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले दलित नेता देवाशीष जरारिया शाम होने से पहले BSP में शामिल होकर भिंड सीट से लोकसभा का टिकट ले आये। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की संध्या राय ने देवाशीष को करीब 2 लाख वोटों के अंतर से हराया था लेकिन देवाशीष ने हार नहीं मानी और वे लगातार पांच साल तक कांग्रेस के लिए भिंड दतिया लोकसभा सीट पर काम करते रहे, जब पार्टी ने उनका टिकट दिया और एक महीने तक कोई संपर्क नहीं रखा तो उन्होंने सम्मान की खातिर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। अब उन्हें मायावती का आशीर्वाद मिल गया है, अब वे भिंड दतिया लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आज बुधवार 17 अप्रैल को सुबह  भेजे अपने इस्तीफे में देवाशीष ने कांग्रेस पार्टी की रीति– नीति पर सवाल उठाये और राहुल गांधी के दलित, ओबीसी, आदिवासी महिलाओं की हिस्सेदारी की घोषणाओं की पोल खोल दी। उन्होंने लिखा कि हार के बाद अक्सर नेता क्षेत्र छोड़ देते हैं लेकिन मैंने 5 साल लगातार पार्टी के लिए काम किया, नगर निगम चुनाव, विधानसभा चुनाव सबमें पार्टी के लिए काम किया और जब समय आया तो मुझे ही धोखा मिला।

कांग्रेस में मेरी राजनीतिक हत्या की साजिश रची गई 

देवाशीष ने अपने पत्र में लिखा कि मेरा टिकट काटने का कारण किसी ने नहीं बताया और मुझसे बात भी नहीं की , इतना ही  नहीं मुझे स्थानीय कार्यक्रमों में बुलाना बंद कर दिया, कल पार्टी प्रत्याशी ने नामांकन भरा मुझे जानकारी तक नहीं दी गई आखिर मेरा क्या कसूर था , मैं पार्टी के किसी गुट का हिस्सा नहीं रहा और कांग्रेस के लिए काम करता रहा तो मेरी राजनीतिक हत्या की साजिश की गई।

कांग्रेस और राहुल गांधी की दिखाया आइना 

देवाशीष ने इस्तीफे में लिखा , कांग्रेस पार्टी दलितों , आदिवासियों, पिछड़ों के हक़ की बात करती है और मेरे ही हक़ पर डाका डाल दिया,  कांग्रेस में दलित समाज इस्तेमाल कर फेंक देने के लिए हैं, देवाशीष जरारिया ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना लिखा कि आप दलित, महिला, ओबीसी की हिस्सेदारी अपनी ही पार्टी में नहीं दे सकते तो देश की जनता आप पर कैसे विश्वास करेगी।

लखनऊ जाकर मायावती से लिया आशीर्वाद, भिंड दतिया सीट से BSP प्रत्याशी घोषित 

इस्तीफा देने के बाद देवाशीष मायावती से मिलने लखनऊ निकल गए और उनसे मुलाकात कर पूरा घटनाक्रम बताया और उनका आशीर्वाद लिया, मायावती ने देवाशीष के कामों को देखकर उन्हें बीएसपी की सदस्यता दिलाई और उन्हें भिंड दतिया सीट से लोकसभा का टिकट दे दिया, अब भिंड का मुकाबला त्रिकोणीय हो जायेगा क्योंकि जो दलित वोट देवाशीष ने अपनी मेहनत से पार्टी के लिए जोड़ा वो कांग्रेस से छिटक सकता है जिससे कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह बरैया को नुकसान हो सकता है ।

Lok Sabha Election 2024 : सम्मान की खातिर छोड़ा कांग्रेस का हाथ, अब देवाशीष जरारिया हुए BSP के साथ, भिंड से ठोकेंगे ताल 

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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