MP Election 2023 : चुनावी साल में नेताओं का आयाराम गयाराम चल रहा है, टिकट नहीं मिलने से नाराज BJP के पूर्व विधायक रसाल सिंह ने कल रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और आज वे बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए, रसाल सिंह लहार विधानसभा से दावेदारी जता रहे थे, लेकिन जब निराशा हाथ लगी तो उन्होंने ने भाजपा छोड़ दी और आज सोमवार को लहार में आयोजित बीएसपी के कार्यक्रम में सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
ग्वालियर चंबल अंचल का चर्चित चेहरा, वरिष्ठ नेता चार बार के विधायक रसाल सिंह अब हाथी पर सवार हो गए हैं, नगर पालिका अध्यक्ष भी रहे रसाल सिंह अंचल में बड़े नेता माने जाते रहे हैं, वे लहार विधानसभा से भाजपा से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
लहार में आयोजित कार्यक्रम में ली BSP की सदस्यता
लहार के बांके बिहारी गार्डन में सोमवार दोपहर आयोजित बहुजन समाज पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में बसपा प्रदेश प्रभारी सुनील बघेल और जोन प्रभारी दिलीप बौद्ध की मौजूदगी में रसाल सिंह ने बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ उनके भाई योगेन्द्र सिंह पप्पू, भाजपा सकारिता प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष भुजबल सिंह तोमर, मंडल अध्यक्ष जबर सिंह सहित अन्य पंचायत, नगरीय निकायों से जुड़े जनप्रतिनिधियों और भाजपा नेताओं ने भी भाजपा को छोड़कर बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की।
रविवार को दिया था BJP से इस्तीफा, प्रत्याशी को लेकर लगाये थे गंभीर आरोप
आपको बता दें कि कल रविवार को भाजपा से त्यागपत्र देते हुए रसाल सिंह ने भिंड जिला अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह को लिखे पत्र में कहा था कि उन्होंने संगठन के एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में अपना सारा जीवन समर्पित किया हमेशा संगठन के हित में काम किया लेकिन चूँकि संगठन ने पार्टी के साथ गद्दारी करने वाले नेता को बढ़ावा देकर बिना किसी को सुने टिकट देकर लोकतंत्र की हत्या की है ऐसे में मेरा उनके लिए प्रचार करना मेरे स्वाभिमान के साथ न्याय नहीं होगा। इसीलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूँ।
भाजपा प्रत्याशी पर रसाल सिंह ने लगाये उन्हें चुनाव हरवाने के आरोप
रसाल सिंह ने कहा है कि भाजपा ने जिस लहार विधानसभा सीट से अम्बरीश शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है, उसी अम्बरीश शर्मा ने 2013 और 2018 में दो बार मुझे चुनाव हराने के लिए भाजपा संगठन के खिलाफ जाकर काम किया। मैंने शीर्ष नेतृत्व को स्पष्ट कह दिया था कि वर्तमान प्रत्याशी की जगह पार्टी जिसे भी प्रत्याशी बनाएगी वो उसकी जीत के लिए प्राणपण से जुट जाएंगे, लेकिन संगठन ने अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी। तब मुझे उस संस्था से त्यागपत्र देने का कठोर निर्णय लेना पड़ा, जिसके लिए मैंने सारी जिन्दगी संघर्ष किया।
बीएसपी जल्दी ही घोषित कर सकती है उम्मीदवार
बहरहाल रसाल सिंह पुराने नेता हैं वे तत्कालीन रौन विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चार बार विधायक रह चुके हैं उनका लहार , भिंड, गोहद सहित आसपास के क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है , उम्मीद की जा रही है बीएसपी जल्दी ही उनकी उम्मीदवारी घोषित करेगी फिर देखना होगा कि वे इस बार के चुनावों में भाजपा और कांग्रेस में से किसे नुकसान पहुंचाते हैं।