BHIND : डॉ रमेश दुबे ने लिखा-कलेक्टर, खनिज निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र- जताई रेत खदानों की स्वीकृति और संचालन की तैयारियों पर आपत्ति

प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे ने आपत्ति दर्ज कराते हुए जिला कलेक्टर भिण्ड, म.प्र. खनिज निगम एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखा है।

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BHIND NEWS : प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे ने जिला कलेक्टर एवं पर्यावरण विभाग के द्वारा रेत खदानों की पर्यावरण स्वीकृति एवं खदानों के संचालन के लिए की जा रही तैयारियों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जिला कलेक्टर भिण्ड, म.प्र. खनिज निगम एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखा है।

स्वीकृत खदान पर सीमांकन करवाकर स्थायी मुद्दियाँ गाढ़कर चिन्हित किया जाये
पत्र के माध्यम से डॉ रमेश दुबे ने कहा कि भिण्ड जिले में जितनी भी स्वीकृत खदानें हैं, उनमें से अधिकांश जगहों पर निर्धारित स्थानों पर रेत ही नहीं है, फिर किस आधार पर खदानों पर रेत उत्खनन की स्वीकृति दी जा रही है, जिन सर्वे नम्बर का उल्लेख खनिज विभाग के द्वारा रेत उत्खनन के लिए स्वीकृत किया जा रहा है उनमें रेत शेष नहीं है, फिर पर्यावरण विभाग की स्वीकृति किस स्थान के लिए दी जा रही है ये स्पष्ट किया जाए साथ ही हर स्वीकृत खदान पर सीमांकन करवाकर स्थायी मुद्दियाँ गाढ़कर चिन्हित किया जाये ताकि सभी को ये तो समझ आये कि उक्त खदान कहां से लेकर कहां तक सीमित है और रेत उत्खनन करने वाली एजेंसी को कहां उत्खनन करना है।

BHIND : डॉ रमेश दुबे ने लिखा-कलेक्टर, खनिज निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र- जताई रेत खदानों की स्वीकृति और संचालन की तैयारियों पर आपत्ति

नदी का इकोसिस्टम तहस-नहस
डॉ रमेश दुबे ने कहा कि हर बार ऐसे ही प्रशासन बिना सीमांकन कराए स्वीकृति प्रदान कर देता है और उसी स्वीकृति के आधार पर पर्यावरण स्वीकृति ले ली जाती है, उसके बाद रेत ठेकेदार मनचाहे तरीके से जबरन या कूटरचना के द्वारा ग्रामीणों की निजी खेतों एवं पनडुब्बी से नदी में पाइप डालकर उत्खनन करते हैं,जिसकी वजह से नदी का इकोसिस्टम तहस नहस हो जाता है और बड़ी संख्या में जलीय जीवों की असमय दर्दनाक मौत हो जाती है।

सबसे पहले खदानों का सीमांकन
डॉ रमेश दुबे ने कहा कि इस प्रकार के ढर्रे पर रोक लगाने के लिए सबसे पहले खदानों का सीमांकन कराया जाए उसके बाद उसी सर्वे नम्बर का जिक्र करते हुए निर्धारित जगह की पर्यावरण स्वीकृति दिलाई जाए ताकि इसके अन्यत्र उत्खनन पाए जाने पर रेत ठेकेदार पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही संपादित की जा सके, इसके साथ ही डॉ दुबे ने प्रशासन से मांग रखी कि जो भी रेत ठेकेदार उत्खनन करे, तो उक्त ठेकेदार एवं जिला प्रशासन सबसे पहले ग्रामीणों को रोजगार दे,सबसे पहला हक़ उन्हीं का है, प्रशासन ऐसा मसौदा तैयार करे जिसके माध्यम से सम्बंधित रेत खदानों की ग्राम पंचायत क्षेत्र की जनता को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध हो सके।


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Sushma Bhardwaj

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