भिंड, गणेश भारद्वाज
डॉ. गोविंद सिंह के एकदिवसीय धरने एवं उपवास को लेकर जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिंधिया समर्थक डॉ रमेश दुबे ने कहा कि डॉ गोविंद सिंह का धरना एवं उपवास जिले के लिए भद्दा मजाक भर है और कुछ नहीं।आज सिंध नदी अपना अस्तित्व खोने की कगार पर खड़ी है तब जाकर उनको सिंध नदी की याद आई।
दुबे ने कहा पिछले कई वर्षों से जिले में रेत का अवैध उत्खनन जारी है जिसके जनक स्वयं डॉक्टर गोविंद सिंह ही है।जिले में सबसे अधिक रेत का अवैध उत्खनन लहार क्षेत्र में होता आया है जहां से डॉ गोविंद सिंह लगातार विधायक हैं, क्या उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर रखी थी जो उनको यह सब अब तक नहीं दिखा। उन्होंने आगे कहा कि लहार विधायक डॉ गोविंद सिंह का धरना ऐसे हैं जैसे “सौ सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली” वाली कहावत चरितार्थ करती है।
डॉ दुबे ने कहा कि विधायक गोविंद सिंह को सिंध नदी की इतनी ही चिंता थी तो सबसे पहले लहार विधानसभा में मडोरी पंचायत पर धरना देना था जहां वैशपुरा के लोग ही अवैध उत्खनन कर रहे हैं। इसी प्रकार पर्राइंच में भी विधायक के खासम खास लव कुश, मटियावली में रिंकू मास्टर जो शासकीय शिक्षक है, छोटी मटियावली में शिशुपाल और शिव कुमार, डुबका में बंटू सरपंच-भूपेंद्र, अजनार में मुन्ना तेजा, धौर में भूपेंद्र- लव कुश, गुरीरा में अभिलाख बाबा, मढ़ैयन में सुनील यहां तक कि दतिया में भी विधायक के लोग ही खनन कर रहे हैं।डॉ दुबे ने कहा कि इस बात को पूरा जिला, संभाग, प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोग तक जानते हैं भिंड में वैध अवैध रेत कारोबार का संरक्षक कौन सफेदपोश है।
डॉ दुबे ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में विधायक के लोगों का रेत का व्यापार सुरक्षित नहीं रह पाएगा इस कारण शासन प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए नौटंकी धरना किया गया था।डॉ रमेश दुबे ने कहा कि मेरे द्वारा विगत कई वर्षों से सिंध बचाओ अभियान निरंतर चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत मैंने आंदोलन और सिंध यात्रा की, लेकिन बड़े शर्म की बात है कि आज उपवास कर रहे लहार विधायक एक बार भी उस विरोध प्रदर्शन में नहीं शामिल हुए।डॉ रमेश दुबे ने कहा कि “मुंह में राम बगल में छुरी” वाली कहावत चरितार्थ करने वाले लहार विधायक अपना आत्मावलोकन,चिंतन व प्रायश्चित करें कि सिंध नदी को समाप्ति की ओर ले जाने वाला कौन है और सत्य को स्वीकार कर अंगीकार करें।