भिंड,सचिन शर्मा। कहते हैं कि मरीजों को बचाने वाला भगवान से कम नहीं, मगर दूसरों की जान बचाने वाला अपनी ही जान से डरा हुआ बैठा है तो इलाज कैसे करेगा। जी हां आपने सही सुना मामला भिंड जिले के रौन स्वास्थ्य केंद्र (raun hospital) का है जहां बरसात में जहरीले सांप निकलने से एक और जान जोखिम में डालकर डॉक्टर स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर मरीजों की जान भी खतरे में बनी रहती है।
रौन स्वास्थ्य केंद्र बदहाली के आंसू बहा रहा है, बरसात के चलते परिसर मैं पानी की निकासी नहीं होने से चारों तरफ जलजमाव और गंदगी का अंबार लगा हुआ है, तो वहीं छतों से पानी टपक रहा है, सबसे हैरानी वाली बात तो यह है कि यहां पर आए दिन जहरीले सांप निकल रहे हैं, मगर फिर भी डॉक्टर बखूबी अपनी जिम्मेदारी को जान जोखिम में डालकर निभा रहे हैं।
बरसात में टपकती हुई अस्पताल की जर्जर छतों एवं वार्डों में निकलने वाले जहरीले सांपों के बीच भी लगातार वह मरीजों का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने पिछली बार स्वयं छतों की मरम्मत करवाई थी, मगर जहां एक और स्वास्थ्य विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा तो वही नगर परिषद भी नालों की सफाई नहीं करा रहा है।
जिसके चलते आए दिन रौन स्वास्थ्य केंद्र परिसर में जलजमाव की वजह से बिल्डिंग जर्जर हो रही है, और बरसात में लगातार सांप निकल रहे हैं। डॉक्टर लगातार सपेरों को बुलवाकर जो सांप निकलते हैं उन्हें पकड़ा भी रहे हैं, मगर वह उनके लिए एवं मरीजों के लिए जान का खतरा बने हुए हैं। जिसका कारण कहीं ना रौन नगर परिषद की लापरवाही भी माना जा रहा है।अगर नगर परिषद रौन ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो यह हालत नहीं होती।