Tue, Dec 30, 2025

रिश्वतखोर कृषि अधिकारी एसएडीओ का वीडियो हुआ सोशल मीडिया पर वायरल, देखें

Written by:Amit Sengar
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रिश्वतखोर कृषि अधिकारी एसएडीओ का वीडियो हुआ सोशल मीडिया पर वायरल, देखें

भिंड,सचिन शर्मा। भिंड (Bhind) जिले में चल रहे खाद संकट से किसान बेतहाशा परेशान है कई दिनों तक लाइन में लगकर खाद प्राप्त कर पा रहा है, तो वहीं खाद विक्रेता सरकारी अधिकारी की रिश्वतखोरी से तंग आकर खाद बेचने से तौबा करते नजर आ रहे हैं सरकारी अधिकारी एसएडीओ कृषि की रिश्वतखोरी का एक खाद दुकानदार ने सीसीटीवी वीडियो रिकॉर्ड सोशल मीडिया पर वायरल किया है, वायरल वीडियो को लेकर कलेक्टर ने जांच करवा कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है।

दरअसल, चंबल के भिंड जिले का इलाका पीला सोना (सरसो) पैदा करने के लिए विख्यात है, ऐसे में सरसों की बुवाई नजदीक आने के चलते सरसों में डीएपी और यूरिया खाद की बुवाई के लिए आवश्यकता होती है, जिसके चलते डीएपी और यूरिया की क्राइसिस बनी हुई है, ऐसे में जिला प्रशासन शासकीय संस्थानों और निजी दुकानों पर खाद बिक्री के लिए प्रशासन और कृषि अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए तैनात किया है, जिससे किसानों को खाद बिना परेशानी के उपलब्ध हो सके।

भिंड जिले के मेहगांव इलाके में भी खाद वितरण का जिम्मा कृषि अधिकारी एसएडीओ अभिमन्यु पांडे को दिया गया है, अभिमन्यु पांडे ने इस जिम्मेदारी को प्राइवेट डीलरों से पैसा कमाने का जरिया बना लिया है, वह दुकानों पर जाते हैं, कभी सैंपल भरने के नाम पर तो कभी दुकान सील करने के नाम पर पैसे की उगाही कर रहे है, कृषि अधिकारी से पीड़ित गोरमी इलाके के पांडे खाद बीज संचालक मुकेश जैन कृषि अधिकारी से परेशान होकर पैसे लेने का वीडियो सीसीडी में रिकॉर्ड कर वायरल कर दिया।

मुकेश जैन का कहना है कि कृषि अधिकारी का जब भी गोरमी का दौरा होता है तब तब 2-3-हजार कभी पांच हजार रुपये दुकान शील्ड करने के नाम पर ले जाते हैं, मुकेश जाने का कहना है कि अभी तक कृषि अधिकारी एसएडीओ अभिमन्यु पांडे उनसे धीरे-धीरे चालीस हजार से अधिक रुपये ले जा चुके हैं, अब तो वे उनकी डिमांड प्रत्येक खाद की गाड़ी आने पर बढ़ती जा रही है।

मुकेश जैन का कहना है कि यह उन्हीं के साथ नहीं है ज्यादातर दुकानदारों से वह अवैध वसूली कर रहे हैं, ऐसे में उन्होंने खाद मंगाना ही बंद कर दिया है, क्योंकि जितना मार्जन नहीं है उससे ज्यादा अधिकारियों को रिश्वत में देना पड़ रहा है, जबकि खाद-दवा दुकानदार किसी भी चीज का निर्माण नहीं करता है, सारी चीजें कंपनियों की पैकिंग आती हैं, फिर भी उनके सैंपल जानबूझकर फेल करा दिए जाते हैं, और फिर उन्ही सेंपलों को पास कराने के लिए लाखों रुपए की रिश्वत का खेल होता है, विक्रेता को डर यह रहता है कि खाद बिक्री का यही एक महीने का सीजन है, और वह बैंक से लाखों रुपए कर्जा उठाकर खाद गोदामों में भरा है, अगर वह सील हो गया तो बड़े नुकसान में चला जाएगा, ऐसे रिश्वतखोर अधिकारियों के चलते मेहगांव इलाके के ज्यादातर दुकानदारों ने अब खाद मंगाने से तोवा कर ली है, जिसके चलते खाद संकट और भी गहराने के आसार है।