भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) में लगातार हुई बारिश ने जमकर कोहराम मचाया। 12 जिले के 454 गांव-कस्बे भारी बाढ़ (Flood) की चपेट में आ गए।नदी-नाले उफान पर आ गए, खेतों में पानी भर गया, घर के घर डूब गए, स्थिति ये हो गई कि सेना को बुलाना पड़ा और रेस्क्यू कर 11 हजार लोगों को बाहर निकाला गया। वही 10 लोगों की मौत हो गई। 20 सालों बाद यह पहला मौका था जब मध्यप्रदेश में इतने बडे स्तर पर बाढ़ ने तबाही मचाई।इससे पहले 1999 में ऐसा मंजर देखने को मिला था।अभी भी हालात सामान्य नही हुए है और कई जिलों में राहत-बचाव कार्य जारी है। शासन-प्रशासन लगातार पूरे घटनाक्रमों पर अपनी पैनी नजर गढ़ाए हुए है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhaan) ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकाप्टर से निरीक्षण किया। शनिवार को जहां होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र देखे थे, वहीं रविवार को फिर से होशंगाबाद, सीहोर और रायसेन जिलों के साथ ही देवास, हरदा और विदिशा जिले के जलमग्न क्षेत्रों को देखा।वही संबंधित जिला कलेक्टर्स से दूरभाष पर चर्चा कर प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति, प्रभावित जनसंख्या, कोई जनधन क्षति यदि हुई हो और मवेशियों, फसलों एवं अन्न भण्डार की सुरक्षा के संबंध में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि नर्मदांचल के कुछ हिस्सों में 20 वर्ष पूर्व हुई अतिवर्षा का रिकार्ड टूटा है। प्रदेश में जान का नुकसान नहीं होने दिया गया है। वर्ष 1999 की बाढ़ का रिकॉर्ड टूटा है। प्रदेश के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की स्थिति के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी जी को अवगत करवाया गया है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। अतिवर्षा, बाढ़ पर निरंतर नजर रखी जा रही है। युद्धस्तर पर आपदा राहत के कार्य चल रहे हैं। कहीं भी किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ है।
यहां विस्तार से पढ़े मप्र के जिलों का हाल
विदिशा: 300 लोगोँ को राहत शिविर में पहुँचाया
जिला विदिशा (Vidisha) में बघर्रु बांध भराव क्षमता पर है और बांध के सभी 5 गेट खुले हैं, रेहटी बांध के 3 गेट खोले गए हैं, सम्राट अशोक (हलाली) बांध का जलस्तर 1509 फीट पर है।विदिशा जिले में बाढ़ से बचाव के लिए विदिशा तहसील में 6 राहत शिविर बनाए गये हैं, जिनमें 262 प्रभावित व्यक्तियों को ठहराया गया है। विदिशा तहसील के अहमदपुर मंडल के 17 ग्रामों में जल-भराव की स्थिति थी, जो आज धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और लगभग 4 ग्रामों में जल-भराव शेष है। विगत 3 दिवस में वर्षा होने से तहसील में बावना और केवटन नदियाँ उफान पर हैं। विदिशा में आज 60 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। विदिशा में बेतवा नदी (रंगई) का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है तहसील कुरवाई में बेतवा नदी का जल स्तर निरंतर बढ़ रहा है। प्रशासन द्वारा निरंतर ऐसे क्षेत्रों में निगरानी और पैनी नजर रखी जा रही है। जिससे किसी भी आशंका के पहले ही उस पर अंकुश लगाया जा सके।
रायसेन: सेना के जवानों ने 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पहुँचाया
रायसेन जिले (Raisen district) में अब तक 1207.80 मि.मी वर्षा दर्ज की गई है। जिले में आज 68.00 मि.मी वर्षा दर्ज की गई है। जिले में बाढ़ में फंसे 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैं। जिले के बाड़ी, बरेली, औबेदुल्लागंज तथा मण्डीदीप के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जिला प्रशासन की टीमों द्वारा राहत शिविरों में पहुँचाया जा रहा है।कलेक्टर उमाशंकर भार्गव और एसपी मोनिका शुक्ला द्वारा राहत एवं बचाव कार्यो की सतत् निगरानी की जा रही है। बारना डेम तथा बरगी डेम से छोड़े गए पानी एवं निरंतर वर्षा के कारण बरेली के निचले इलाकों में बाढ़ एवं जल-भराव की स्थिति निर्मित हुई है। पुलिस और होमगार्ड की टीम द्वारा 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालकर स्कूल में बनाए गए राहत शिविरों में पहुँचाया गया। प्रशासन द्वारा मुस्तैदी से निचली बस्तियाँ खाली कराई गई है। बाड़ी-बरेली क्षेत्र के गाँवों में पुलिस तथा होमगार्ड की रेस्क्यू टीम द्वारा ग्राम चारगांव के 14, ग्राम हरसिली के 09 तथा गडरवास के 12 व्यक्तियों को नाव के जरिए निकालकर सुरिक्षत स्थान पर पहुँचाया गया है। स्थिति बिगड़ने पर सेना की मदद ली गई है, आज बाड़ी एवं बरेली के नर्मदा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति में फंसे व्यक्तियों के निकालने का रेस्क्यू अभियान जारी है। जिसमें अभी तक 77 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया है। जिला-प्रशासन द्वारा बनाये गए राहत शिविरों में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है।रायसेन जिले के मंडीदीप क्षेत्र से बाढ़ में फंसे 170 लोगों को निकाला गया। इन्हें मंडीदीप एवं ओबेदुल्लागंज में बनाये राहत शिविरों में रखा गया है। बचाव दल लगातार लोगों को जल भराव इलाकों से निकालने का काम जारी है।
राजगढ़ : मोहनपुरा और कुंडालिया डैम के गेट खोले, जल-भराव क्षेत्रों में पैनी नजर
राजगढ़ जिले (rajgarh district) में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। जिले में गत दिवस से हो रही बारिश से स्थिति सामान्य है। मोहनपुरा और कुंडालिया डेमों से छोड़े जा रह पानी के कारण जल भराव की स्थिति पर प्रशासन द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है।कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा द्वारा निरंतर बाढ़ प्रभावित और जलभराव क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है। एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और रेस्क्यू टीम को 24 घंटे एक्टिव रहने के निर्देश दिये हैं।
सीहोर: स्थिति सामान्य, 250 से अधिक लोगों का रेस्क्यू
सीहोर जिले (sehore district) में अभी तक 1044.1 मि.मी औसत बारिश रिकार्ड की जा चुकी है। पिछले चौबीस घन्टों में सीहोर में 84.2, श्यामपुर में 53, आष्टा में 57, जावर में 42, इछावर में 109, नसरुल्लागंज में 81, बुधनी में 160 और रेहटी में 110 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जल भराव एवं बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन द्वारा सतत् निगरानी की जा रही है।गत दिवस सीहोर जिले के सोमलवाड़ा गाँव में बचाव एवं राहत के कार्य निरंतर जारी है। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का कार्य किया जा रहा है। अतिवृष्टि से निर्मित हुई स्थिति में संभाग आयुक्त श्री कवींद्र कियावत और आईजी श्री उपेंद्र जैन पानी से घिरे हुए गाँव में बोट से पहुँचे। गाँव में फंसे हुए सभी आमजनों को स्थिति सामान्य होने और प्रशासन द्वारा हर संभव मदद उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया। लगभग 250 आबादी वाला गाँव पूरी तरह घिरा हुआ है। पुलिस, होमगार्डस और स्थानीय प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को नाव से निकाला गया।
होशंगाबाद: कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने रेस्क्यू टीम के साथ संभाला मोर्चा
होशंगाबाद (hoshangabaad) के विकासखंड बाबई में बाढ़ प्रभावित ग्रामों में भोपाल से आयी सेना की यूनिट एवं प्रशासन की टीम द्वारा रविवार को 161 लोगों को रेस्क्यू कर राहत पुनर्वास केंद्र रूप में शिफ्ट किया है। ग्राम बालाभेंट से 90, बिकोर से 30, मनवाड़ा से 14, गुराडिया से 5, तमचरू से 18, नसीराबाद से 4 लोगों को रेस्क्यू किया गया। गत दिवस 164 लोगों का रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू किए गए लोगों को सुरक्षित राहत पुनर्वास केंद्रों पर भेजा गया।
अतिवृष्टि एवं नर्मदा नदी (narbada river) के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण बाढ़ प्रभावित हुए विकासखंड बाबई के ग्राम में प्रशासन, भोपाल से आयी सेना की टीम, होमगार्ड, पुलिस एवं एनडीआरफ के समन्वित प्रयासों से प्रभावित लोगों का रेस्क्यू कर, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है। कलेक्टर श्री धनंजय सिंह एवं पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर द्वारा सेना के जवानों के साथ प्रभावित ग्रामों में मौके पर नाव से जाकर फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सकुशल लाया गया एवं सुरक्षा कैंप में भेजा गया। कलेक्टर एवं एसपी ने रेस्क्यू टीम के साथ राहत एवं बचाव कार्य का मोर्चा संभाला। राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे प्रत्येक व्यक्ति को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिंह ने विकासखंड बाबई में राहत एवं पुनर्वास केंद्रों का जायजा लिया। उल्लेखनीय है कि जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
जबलपुर: संभाग के 3 जिलों में 691 को रेस्क्यू, 2575 प्रभावितों को पहुंचाया राहत शिविर
जबलपुर संभाग के नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा एवं सिवनी जिले में अतिवर्षा एवं बाढ़ के कारण प्रभावित लोगों को बचाने एवं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिये जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ एनडीआरएफ एवं सेना की टीम सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।नरसिंहपुर जिले में अतिवृष्टि व बाढ़ के दौरान राहत व बचाव के कार्य लगातार जारी। अतिवृष्टि और बाढ़ से जिले में 3 तहसीलों के 42 गांव प्रभावित हुये हैं। शनिवार को दोपहर 2.30 बजे तक बीते 24 घंटों में 226 लोगों को रेसक्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 12 गांव के करीब 135 लोगों को और रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में रहने की माकूल व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं। जिले में अतिवृष्टि और बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव के कार्य बडे़ पैमाने पर किये जा रहे हैं। नर्मदा और उसकी सहायक नदियों के तटीय क्षेत्रों में सभी ऐहतियाति कदम उठाये जा रहे हैं। राहत एवं बचाव के कार्य में टीमें मुस्तैदी से लगी हुई हैं। कलेक्टर श्री वेद प्रकाश और पुलिस अधीक्षक श्री अजय सिंह राहत एवं बचाव कार्यों की स्वयं मानिटरिंग कर रहे हैं और मौके पर जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट में भी चला एयरफोर्स का रेस्क्यू
छिन्दवाड़ा जिले में लगातार बारिश से नदियों और नालों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुये जिला प्रशासन द्वारा बचाव और राहत कार्य संवेदनशीलता व तत्परता से किये जा रहे हैं। बाढ़ में फंसे 6 व्यक्तियों को इंडियन एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर बचा लिया गया है। परासिया विकासखंड के चांदामेटा नगर में अतिवृष्टि से मकान गिर जाने पर 3 व्यक्तियों की मृत्यु होने पर मृतकों के वारिसों को 4-4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत कर उपलब्ध कराई गई है।जिले के विभिन्न स्कूलों, पंचायत भवनों और छात्रावासों में 59 राहत शिविर बनाये गये है जहां लगभग 450 व्यक्तियों को ठहराया गया है और उनके भोजन, पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।सिवनी जिले में विगत 3 दिनों में हुई लगातार बारिश एवं भीमगढ़ डेम के 10 गेट खुले जाने से मुख्यतः निचले ग्रामों में डूब की स्थिति निर्मित हुई थीं। सिवनी विकासखण्ड के 15 ग्राम, कुरई के 4, केवलारी के 14 एवं लखनादौन के 25, धनोरा का 1, घंसौर 2 तथा छपारा के 20 ग्रामों के 2221 लोगों को शासकीय भवन में शिविर में रखा गया। बाढ़ में फसे 430 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों में पहुचाया गया हैं। भीमगढ़ बांध का 1 गेट खुला हैं जिससें 1780 क्यूसेक मीटर पानी छोड़ा जा रहा हैं, स्थिति सामान्य हैं। राजस्व एवं कृषि विभाग के मैदानी अमले द्वारा प्राकृतिक आपदा से मकान, पशुधन एवं फसल हानि का आंकलन कर राहत प्रकरण तैयार किया जा रहे हैं।बालाघाट जिले की खैरलांजी तहसील के ग्राम कुम्हली में बाढ़ में फंसे 3 लोगों को आज से सुबह सेना के हेलीकॉप्टर से सुरक्षित बाहर निकाला गया है। सिवनी जिले में स्थित भीमगढ़ बांध से शनिवार को 2 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे बैनगंगा नदी के किनारे के गाँव खाली कराये गये। जिन गांव को खाली कराया गया वहाँ के लोगों को शासकीय भवनों में ठहराने एवं उनके भोजन की आदि की व्यवस्था की गई है।
फसलों का आकलन कर दी जाएगी सहायता
मुख्यमंत्री चौहान ने आमजन से अपील की कि वे पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करते हुए प्रशासन जब निकलने का कहे तो सावधानी रखते हुए तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविर में शिफ्ट होने में सहयोग करें। बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कच्चे मकान भारी बारिश नहीं सह पाते। ऐसे मकानों को खाली करवाने की कार्रवाई भी हो रही है। कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि सहयोग का हाथ बढ़ाएं। बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन वस्त्र और अन्य सहायता प्रदान करने में सहयोग करें। कच्चे मकानों में रहने वालों को दुर्घटना से बचाने के लिए अन्य स्थान पर शिफ्ट होने का परामर्श दिया गया है।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी-6-4) के राहत के समस्त प्रावधानों का लाभ किसानों को दिया जाएगा। अतिवर्षा से उत्पन्न स्थिति का सर्वे कर आकलन किया जाएगा। फसलों की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त कर पात्रतानुसार पूरी सहायता दी जाएगी। किसानों को बीमा योजना का लाभ दिलवाने की प्रक्रिया भी चल रही है।
अधिकारियों को दिए ये निर्देश
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे संकट की इस स्थिति में प्रभावित लोगों की पूरी सहायता के लिए सक्रिय रहें। निचली बस्तियों में पानी के भराव की स्थिति को देखते हुए समय रहते नागरिकों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। नियंत्रण कक्ष सक्रियता से कार्य करें। जहां आवश्यक हो तत्काल पुलिस, होमगार्ड, सेना और आपदा प्रबंधन दल की सहायता प्राप्त की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में किए गए सुरक्षा प्रबंधनों की जानकारी भी प्राप्त की। आपात स्थिति से निपटने के लिए गोताखोर, बोट, हेलीकाप्टर आदि के पुख्ता इंतजाम हैं। जिन क्षेत्रों में सड़कों पर पुल-पुलियों पर बाढ़ का पानी है, उसे पार करने का प्रयास न किया जाए। जनता स्वयं भी सावधान रहे और पिकनिक स्थलों पर जाने से भी लोग बचें। बांधों का जलस्तर बढ़ने से गेट खोलने की सूचना दी जाती है लेकिन बहुत से लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते। आम नागरिकों की सहायता के लिए राज्य सरकार तत्पर है। लेकिन आमजन का सजग रहना बहुत आवश्यक है। जिलों में पदस्थ आपदा प्रबंधन दल हर तरह के संकट में लोगों की सहायता के लिए तैयार हैं।