भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लापरवाहों और गैर जिम्मेदारों पर कार्रवाई का दौर जारी है।अब सागर में शासकीय कामों में लापरवाही पर जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी, राजगढ़ (Rajgarh) में प्रभारी मंत्री के वाहन में गलत झंड़ा लगाने सरकारी वाहन चालक और बड़वानी (Barwani) में नकली शराब फैक्ट्री के मामले में नगर निरीक्षक को निलंबित (Suspended) कर दिया गया है। वही राजगढ़ में आरआई एवं प्रभारी एमटी को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।इसके अलावा उमरिया में पंचायत सचिव और पटवारी समेत 3 को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा गया है।
सागर कमिश्नर मुकेश कुमार शुक्ला(Sagar Commissioner Mukesh Kumar Shukla) ने सागर के जिला आपूर्ति नियंत्रक राजेन्द्र वायकर को पदीय कर्तव्यों के प्रति स्वेच्छाचारिता, लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं कर्तव्यविमुखता के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कमिश्नर शुक्ला ने उक्त कार्रवाई मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के तहत की है।निलंबन अवधि में वायकर का मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय जिला, पन्ना नियत किया गया है। वायकर को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। सागर कलेक्टर द्वारा इस संबंध में कमिश्नर को प्रस्ताव भेजा गया था।उल्लेखनीय है कि सीएम हेल्पलाईन के अंतर्गत जिले के सभी विभागों में सर्वाधिक लंबित शिकायतें खाद्य विभाग की है। जिला आपूर्ति नियंत्रक श्री वायकर द्वारा इनके निराकरण में कोई रूचि नहीं ली गई।
वही राजगढ़ पुलिस अधीक्षक (Rajgarh SP) प्रदीप शर्मा द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोह में जिप्सी वाहन चालक द्वारा राष्ट्रीय ध्वज गलत तरीके से लगाए जाने को संज्ञान में लेते हुए जिप्सी वाहन चालक को तत्काल प्रभाव से गत दिवस निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही रक्षित निरीक्षक एवं एमटी प्रभारी को शोकाज नोटिस जारी किए गए है। उनके जवाब प्राप्त होते ही वैद्यानिक कार्रवाई की जाएगी।
मध्यप्रदेश के बड़वानी में पुलिस अधीक्षक (Barwani SP) निमिष अग्रवाल ने पानसेमल थाना क्षेत्र में नकली शराब बनाने की फैक्ट्री का पता चलने के बाद नगर निरीक्षक संजू कामले को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है।आरोप है कि नकली शराब के निर्माण और वितरण की रोकथाम के बारबार निर्देशों के बावजूद लापरवाही बरतते हुए कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस अधीक्षक ने बड़वानी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को 7 दिन में प्रारंभिक जांच कर प्रतिवेदन सौंपने के निर्देश दिए हैं।
सीएम हेल्पलाइन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं- कलेक्टर
इसके अलावा उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव (Umaria Collector Sanjeev Srivastava) ने समय सीमा की साप्ताहिक बैठक मे कलेक्टर ने सीएम हेल्प लाईन की विभागवार समीक्षा करते हुये कहा कि सीएम हेल्पलाईन (CM Helpline) के निराकरण मे शिथिलता बर्दाश्त नही की जायेगी। सभी अधिकारी प्रकरणो की मानीटरिंग नियमित रूप से करे तथा एल1 स्तर पर ही उनका निराकरण सुनिश्चित करे।
7 दिन में मांगा जवाब, वरना होगी कार्रवाई
इसके अलावा उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा 5 अगस्त को ग्राम पंचायत का भ्रमण किया गया। भ्रमण के पाया गया कि वन अधिकार अधिनियम के तहत 9 दावों को बिना परीक्षण के आमान्य कर दिया गया। कलेक्टर द्वारा उन दावो को स्थल पर परीक्षण किया गया जो की प्रथम दृष्टया मान्य योग्य प्रतीत हो रहे है। इससे प्रतीत होता है कि उक्त दावो का गहन परीक्षण नही किया गया और बिना देखे ही दावो को निरस्त की श्रेणी मे रख दिया गया। इस कृत्य से गरीब आदिवासी वन अधिकार के लाभ से वंचित है।
जिस पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने सचिव ग्राम पंचायत बड़ेरी विकासखण्ड करकेली, पटवारी हल्का बड़ेरी विकासखण्ड करकेली तथा धमेंद्र दुबे बीट गार्ड बड़ेरी जिला उमरिया से कहा है कि इस कृत्य के कारण क्यो न आपकी एक वेतन वृद्धि अंसचयी प्रभाव से रोकी जाए। उन्होने कहा कि अपना उत्तर सात दिवस के अंदर उपस्थित होकर प्रस्तुत करें। समय अवधि में संतोष जनक उत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में एक पक्षीय निर्णय लेकर कार्यवाही की जाएगी। जिसकी संपूर्ण जिम्मेंदारी आपकी होगी।