दमोह और विदिशा में डूबने से जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को सीएम डॉ मोहन यादव ने आर्थिक सहायता देने की घोषणा की

सीएम डॉ मोहन यादव ने X पर लिखा-दुःख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। इसके साथ ही मैं प्रदेशवासियों से अपील करता हूं कि अति वृष्टि के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, सभी सावधानी बरतें एवं सुरक्षित रहें।

CM MOHAN

CM Dr Mohan Yadav : मध्य प्रदेश में पिछले कुछ घंटों इमं दो बड़े हादसे हो गए जिसमें डूबने से 9 लोगों की मौत हो गई, इनमें दो सगी बहने और एक एसएएफ का जवान भी शामिल है, घटना के बाद से दोनों जिलों के संबंधित गांवों में मातम पसरा है, उधर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने घटनाओं पर शोक जताते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि दी है और प्रत्येक मृतक के परिवार को 4-4 लाख रुपये आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है

ईश्वर परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति दे

सीएम डॉ मोहन यादव एन X पर लिखा-  दमोह जिले के नोहटा थाना क्षेत्र के डूमर गांव में तालाब में डूबने से दो बहनों सहित चार मासूम बच्चियों की मौत की हृदय विदारक घटना अत्यंत दुखद है। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि दिवंगत मासूम बच्चियों की पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति दे। दुःख की इस घड़ी में हम सभी शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। चारों बच्चियों के परिवारजनों को प्रशासन की तरफ से 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।

दुःख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं

मुख्यमंत्री ने X पर लिखा-  विदिशा जिले अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर बेतवा नदी में डूबने से 5 लोगों की असामयिक मृत्यु का दुखद समाचार मिल रहा है जिसमे एक SAF आरक्षक भी शामिल है। बाबा महाकाल से दिवंगतों की पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ। जिला प्रशासन को निर्देशित किया है कि पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि एवं SAF जवान को शासकीय नियमानुसार सहायता राशि प्रदान की जाए। दुःख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। इसके साथ ही मैं प्रदेशवासियों से अपील करता हूं कि अति वृष्टि के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, सभी सावधानी बरतें एवं सुरक्षित रहें।

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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