भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| मध्य प्रदेश में उपचुनाव ख़त्म होते ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है| हाल ही में मिली जीत से उत्साहित बीजेपी सरकार ने अब नगरीय निकाय, पंचायतों और मंडियों के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। निकायों का चुनाव पिछले साल दिसंबर में होना था। वहीं पंचायतों और मंडियों का कार्यकाल भी ख़त्म हो गया है|
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने कार्यकाल के दौरान इनमें से कोई भी चुनाव नहीं कराया। जिसके चलते अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वही गलती करने को तैयार नहीं हैं, जो नाथ ने की है। सूत्रों के मुताबिक सीएम शिवराज ने सरकार और संगठन स्तर पर इन चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और महासचिव सुहास भगत से इन चुनावों के लिए तैयार होने के लिए कहा है।
भाजपा ने चुनावों की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है| कमलनाथ ने सरकारी अधिकारियों को स्थानीय निकायों का प्रशासक नियुक्त किया था| इससे नाथ के खिलाफ पार्टी में नाराजगी थी। चुनाव के जरिये चौहान माहौल का लाभ उठाने की कोशिश करेंगे, जो भाजपा के पक्ष में है। भाजपा कार्यकर्ताओं को इन चुनावों में टिकट देकर साधा जाएगा। पार्टी के कार्यकर्ता इसमें व्यस्त रहेंगे। भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ, कांग्रेस के नेता भी व्यस्त रहेंगे। और सरकार आराम से काम करेगी।
सूत्रों के अनुसार, दिसंबर के अंत या जानवर की शुरुआत में निकायों के चुनाव कराये जा सकते हैं| हालाँकि कोरोना की स्थिति को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा| यदि स्थिति नियंत्रण में रहती है, तो दिसंबर के अंत तक निकायों के चुनावों की तारीखों की घोषणा की जाएगी। इसके बाद मंडी और पंचायत चुनाव होंगे।