भोपाल। बिजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री की फटकार के बाद ऊर्जा विभाग एक्शन मोड में आ गया है। विभाग ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरु कर दिया है। इसी कड़ी में विभाग ने चार इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी ने तीनों कपंनियों के क्षेत्र में बिजली सप्लाई की स्थिति की समीक्षा करने के बाद की है, जिसमें पावर ट्रांसमिशन कंपनी का भी इंजीनियर शामिल है। कार्रवाई के बाद से ही अधिकारियों और इंजीनियरों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों की माने तो विभाग द्वारा लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है।
दरअसल, प्रदेश में बिजली कटौती को लेकर जमकर घमासान मचा हुआ। एक तरफ जनता की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है वही दूसरी तरफ विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर सरकार का जमकर घेराव कर रहा है। इसी के चलते मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अलग अलग क्षेत्र के बिजली विभाग के अधिकारियों और ऊर्जा विभाग के साथ बैठक की थी और सबको जमकर खरी-खोटी सुनाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अल्टीमेटम भी दिया कि अगर स्थिति में सुधार नही आया तो कार्रवाई की जाएगी। 30 जून तक हर हाल में मेंटेनेंस का काम पूरा करें। इसके लिए उन्होंने ऊर्जा विभाग को भी जमकर सुनाया और कहा कि प्रदेश में सरप्लस बिजली है तो प्रदेश में बिजली की कटौती क्यों की जा रही है।आपके हिसाब से यदि बिजली की स्थिति ठीक है, तब तो इस बैठक का कोई मतलब नहीं है। सभी जिलों से शिकायतें आ रही हैं।
मुख्यमंत्री की इस फटकार के बाद ऊर्जा विभाग ने तीनों बिजली कंपनियों के क्षेत्र की जानकारी ली और इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया।वही उन राज्यों के पास में भी जानकारी ली जहां बिजली सप्लाई की व्यवस्था अच्छी है, ताकी उनके सिस्टम का अध्ययन कर प्रदेश में लागू किया जा सके जिससे लोगों को भरपूर बिजली मिल सके।इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया है। इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों और इंजीनियरों में हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में विभाग अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है।