एम्स भोपाल ने रचा इतिहास, शोधकार्य इस्तांबुल, तुर्किये में प्रदर्शित

BHOPAL AIIMS NEWS : एम्स भोपाल ने हाल ही में इस्तांबुल, तुर्किये में आयोजित बाल्कन एकेडमी ऑफ फोरेंसिक साइंसेज की 14वीं वार्षिक वैज्ञानिक बैठक में भाग लिया। फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र कुमार विदुआ ने सम्मेलन के दौरान सैंपल ड्रायर पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया।

सैंपल ड्रायर तकनीक

सैंपल ड्रायर तकनीक, जिसे आईसीएमआर की आईपीआर इकाई के माध्यम से डिजाइन कार्यालय से कॉपीराइट अनुमोदन प्राप्त हुआ है, को अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों ने काफी सराहा। अंतराष्ट्रीय प्रतिभागियो ने संबंधित केंद्रों के लिए नमूना ड्रायर प्राप्त करने के बारे में जानकारी भी हासिल की। यह महत्वपूर्ण तकनीक नमूना संरक्षण में पर्याप्त सुधार प्रदान करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में बाद के विश्लेषण के लिए नमूने बरकरार रहें और खराब न हों। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने इस उपलब्धि के लिए पूरी टीम को बधाई दी है।

एम्स भोपाल के प्रतिष्ठित डॉक्टरों की एक टीम द्वारा विकसित
सैंपल ड्रायर को आईसीएमआर नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित एक शोध परियोजना के हिस्से के रूप में एम्स भोपाल के प्रतिष्ठित डॉक्टरों की एक टीम द्वारा विकसित किया गया था, जिसमें डॉ. राघवेंद्र कुमार विदुआ, डॉ. अरनीत अरोड़ा और डॉ. जयंती यादव शामिल थे। एम्स भोपाल में किए गए कई सूक्ष्म प्रयोगों के बाद प्रौद्योगिकी को परिष्कृत किया गया। डिज़ाइन चरण के बाद, टीम ने उपकरण के निर्माण के लिए विक्रेता, एईजी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के साथ इस ड्रायर का निर्माण कराया।
इस्तांबुल में आयोजित सम्मेलन में डॉ. राघवेंद्र कुमार विदुआ, डॉ. अरनीत अरोड़ा और डॉ. जयंती यादव के अलावा डॉ. दिव्यभूषण, डॉ. संगीता और डॉ. ऋषभ ने भी अपना शोध प्रस्तुत करते हुए महत्वपूर्ण योगदान दिया। एम्स भोपाल के शोधकार्य की उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने काफी सराहना की।
संलग्न: छायाचित्र


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Sushma Bhardwaj

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