भोपाल।
आचार संहिता लगने से पहले प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने खिलाड़ियों को लेकर बड़ा दांव खेला है। सरकार ने फैसला किया है कि अब वह नेशनल लेवल पर गोल्ड जीतने वाले खिलाडियों को 5 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि देगी। यह नियम नई खेल नीति के तहत बनाया गया है। हालांकि सरकार ने इसमें एक शर्त रखी है जिसके मुताबिक यह राशि उसी खिलाड़ी को मिलेगी जो मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो। इसके साथ कांग्रेस ने अपना एक और वचन पूरा कर लिया है। कांग्रेस के आंकड़े के अनुसार, सत्ता में आने के बाद सरकार ने जनता से किए गए 80 से ज्यादा वादे पूरे कर चुकी है। सरकार के इस फैसले के बाद खिलाड़ियों में खुशी की लहर है।
दरअसल, सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी घोषणा पत्र में खेल नीति बनाने की घोषणा की थी। जिसके चलते सरकार ने नई नीति जारी घोषित की है। जिसके अनुसार, अब नेशलनल लेवल पर गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ी को पांच लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। नियम सामान्य और दिव्यांग खिलाड़ियों पर समान रूप से लागू होंगे। सम्मान निधि और प्रोत्साहन राशि के लिए खिलाड़ियों को आवेदन करना होगा, जो जिला कार्यालय और संचालनालय में लिए जाएंगे। इसी के साथ कमलनाथ सरकार ने अपना एक और वादा पूरा कर दिया।
बता दे कि यह राशि केवल उन्हीं खिलाड़ियों को मिलेगी, जो मप्र के मूल निवासी हों या खेल अकादमी में प्रशिक्षणरत हों। सरकार ने वर्ष 2006 में बनाए गए ‘खेल संस्थाओं एवं खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता, खेल वृत्ति, सम्मान निधि” नियम को शिथिल करते हुए यह नियम बनाए हैं।
यहां कितने किसको कितनी मिलेगी प्रोत्साहन राशि
-सरकार राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 3.20 लाख और कांस्य पदक प्राप्त करने वाले खिलाडी को 2.40 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि देगी
-अधिकृत राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को एक लाख, रजत पदक जीतने वालों को 75 हजार और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 50 हजार रुपए प्रोत्साहन।
-खिलाड़ियों को विदेश में ट्रेनिंग लेने के लिए 10 लाख रुपए दिए जाएंगे।
-देश में ट्रेनिंग लेने वाले खिलाड़ियों को एक लाख रुपए दिए जाएंगे।
-माउंट एवरेस्ट के शिखर तक पहुंचने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को सरकार 15 लाख रुपए तक अनुदान राशि देगी। इसमें से चीन-नेपाल सरकार की रायल्टी फीस आठ लाख रुपए पहले दी जाएगी।