गैस पीड़ित संगठनों के लोगो की गिरप्तारी, प्रचार की गाडी थाने में रोकी

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भोपाल|   गैस कांड के 33 साल बाद भी पीड़ितों को न्याय की दरकार है|  मुआवजे का मुद्दा चुनाव में गरमा गया है| संगठनों ने गैस पीड़ितों के पुनर्वास के पैसे का दुरूपयोग का आरोप लगाया है, जिसके बाद गैस पीड़ित संगठनों के लोगो की गिरप्तारी एवं प्रचार की गाड़ी जब्त करने का मामला सामने आया है| इस सम्बन्ध में पीड़ितों के बीच काम कर रहे संगठनों ने भोपाल कलेक्टर सुदाम खाड़े को पत्र लिखा है| 

कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा गया है कि दिसम्बर 84 के गैस काण्ड के पीड़ितों के बीच काम कर हम चार संगठन गैस पीड़ितों के मुआवजे के मुद्दों पर आगामी विधानसभा के मद्देनजर पिछले कुछ दिन से प्रचार कर रहे है | इस प्रचार के लिए हमारे द्वारा सम्बंधित अधिकारियों से अनुमति भी ली गई है | आज दिनांक 20 नवम्बर को दोपहर 12 बजे हमारी एक गाड़ी को अशोका गार्डन थाने द्वारा रोका गया एवं गाड़ी चालक और 3 गैस पीड़ितों को थाने में रोका गया है | थाने के टी. आई.सुनील श्रीवास्तव द्वारा फोन से सम्पर्क कर गाड़ी को पीड़ितों को थाने में रोकने का कारण पूछने पर बताया गया की उन्हें एस.डी. एम. -नरेला द्वारा आदेशित किया गया है की गैस पीड़ित संगठनों द्वारा किया जा रहा प्रचार रोका जाए | उन्होंने ने यह भी बताया कि हमारे द्वारा बांटे जा रहे पर्चे पर यह लिखा है कि “सात साल पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हर गैस पीड़ित को मुआवजे में 5 लाख रुपए दिलवाने का वादा किया था | पर हकीकत में पिछले सात साल में प्रदेश की सरकार ने गैस पीड़ितों और प्रदूषित भूजल पीड़ितों को सही मुआवजा दिलवाने में ज़रा भी दिलचस्पी नहीं दिखाई है | ” उन्होंने कहा क्योंकि यह एक पार्टी के खिलाफ है इसलिए यह अचार संहित का उल्लंघन है | एक और कारण हमे बताया गया है कि पर्चे में यह भी लिखा है कि “जो मुआवजा दिलाएगा, वोट वही ले जाएगा और यह भी लिखना अचार संहिता  का उल्लंघन है | 


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