MP News: इन जिलों में 2027 से शुरू होगा आयुर्वेद कॉलेज, इसी साल से शुरू होगा निर्माण कार्य

प्रदेश में अभी 6 कॉलेजों को मिलाकर कुल 600 आयुर्वेद की सीटें है, जोकि जबलपुर, उज्जैन, रीवा, बुरहानपुर, इंदौर, भोपाल और ग्वालियर जिले में स्थित हैं।

Shashank Baranwal
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Ayush

MP News: मध्य प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की तरह ही आयुर्वेद कॉलेजों की संख्या बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इस संबंध में राज्य के मुखिया सीएम मोहन यादव ने खजुराहो, बालाघाट, मंडला और धार जिले में कॉलेज शुरू करने का ऐलान पहले ही कर दिया है। वहीं इन कॉलेजों के निर्माण कॉर्य इसी साल से शुरू हो जाएगा।

आयुष संचालनालय के अधिकारियों ने दी जानकारी

प्रदेश में आयुर्वेदिक कॉलेजों को शुरू होने के जानकारी देते हुए आयुष संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि इन कॉलेजों में प्रवेश काम साल 2027-28 से शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य के अन्य जिलों में आयुर्वेद कॉलेज शुरू किए जाएंगे, जिसमें झाबुआ, नर्मदापुरम, सागर, मुरैना, शुजालपुर, श्योपुर और शहडोल शहर शामिल हैं।

प्रदेश में बढ़ेंगी आयुर्वेद की सीटें

प्रदेश में नए आयुर्वेद कॉलेज शुरू करने को लेकर आयुष विभाग की आयुक्त सोनाली पोन्छे वायंगणकर ने संबंधित जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखा है, जिसमें उचित स्थान पर 5 एकड़ भूमि के आवंटन को लेकर कहा गया है। आपको बता दें प्रदेश में अभी 6 कॉलेजों को मिलाकर कुल 600 आयुर्वेद की सीटें है, जोकि जबलपुर, उज्जैन, रीवा, बुरहानपुर, इंदौर, भोपाल और ग्वालियर जिले में स्थित हैं। वहीं 11 और कॉलेजों के शुरू होने के बाद सीटों की संख्या बढ़ेंगी, जोकि 11 सौ के करीब तक बढ़ सकती हैं। जिसके बाद प्रदेश में शोध कार्य से बढ़ोतरी से लेकर राज्य में एमडी, एमएस और कॉलेजों में फैकल्टी मिल जाएंगे। इस दौरान आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने कहा है कि इन कॉलेजों के शुरू होने से राज्य में एमडी, एमएस सीटों की इजाफा होने के साथ 11 सौ सीटें बढ़ जाएंगी।

1995 के बाद नहीं खुला एक भी आयुर्वेद कॉलेज

प्रदेश में साल 1995 के बाद 28 साल से कोई भी आयुर्वेद कॉलेज नहीं खुला है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज की शुरूआत साल 1995 में हुआ। गौरतलब है कि प्रदेश में बीते 10 सालों में 8 एलोपैथी कॉलेजों की स्थापना की जा चुकी है। जबकि आने वाले 5 सालों में 17 अन्य एलोपैथी कॉलेज शुरू हो जाएंगे।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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