पीएससी से पहले अतिथि विद्वानों का हो भविष्य सुरक्षित, नहीं तो फिर होगा बड़ा आंदोलन

Amit Sengar
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में एक बार फिर सूबे की सियासत महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों के बहुप्रतीक्षित नियमितीकरण मुद्दे पर गर्म होने वाली है। भोपाल (Bhopal) में आज अतिथि विद्वान महासंघ ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए शिवराज सरकार को आगाह किया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह ने कहा कि वर्तमान में अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर सत्ता तो भाजपा को मिल गई लेकिन सरकार अब उन्ही अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। जबकि अतिथि विद्वानों के चर्चित आंदोलन साहजहानी पार्क में खुद वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित डॉ नरोत्तम मिश्रा,गोपाल भार्गव,वीडी शर्मा,प्रज्ञा सिंह,सीतासरन शर्मा सहित कई दिग्गज शिरकत करते हुए नियमितीकरण भविष्य सुरक्षित करने का वादा किया था।

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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था की अतिथि विद्वानों को सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में नियमित करेंगे लेकिन आज तक एक भी कदम नहीं उठाए गए हैं बल्कि यहां तो आज भी तीन सैकड़ा अतिथि विद्वान फालेंन आउट हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर ही सड़क में आए और केंद्र में मंत्री बने पर अतिथि विद्वानों की दुर्दशा में अब चुप्पी साधे हुए हैं। डॉ देवराज सिंह ने कहा कि सरकार तत्काल अतिथि विद्वानों की सेवा 65 वर्ष तक सुरक्षित करते हुए नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करे। एवं फालेंन आउट अतिथि विद्वानों को तत्काल सेवा में ले।

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अतिथि विद्वानों को हल्के में ना ले सरकार, लाखों युवा विद्यार्थीयों का करते हैं नेतृत्व
अतिथि विद्वान अब सरकार से फिर आर पार करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि विभाग पीएससी करवाने की तैयारी कर रही है तो जाहिर सी बात है की अतिथि विद्वानों की रोजी रोटी छिनेगी। वहीं अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने शिवराज सिंह चौहान सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि आप मध्य प्रदेश के मूल निवासी अतिथि विद्वानों को कैसे भूल गए हैं जबकि इन्ही अतिथि विद्वानों के नाम पर सत्ता मिली है आपको। अतिथि विद्वानों को कोई भी राजनीतिक दल हल्के में ना लें। सरकारी महाविद्यालयों में सेवा करने वाले अतिथि विद्वान मध्य प्रदेश के मूल निवासी हैं योग्य अनुभवी हैं।आज लगभग पंद्रह से बीस लाख युवाओं का नेतृत्व करते हुए आ रहे हैं। अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर चुप्पी तोड़कर सरकार अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित कर वादा पूरा करे। अगर ऐसा नहीं होता है तो बहुत ही जल्दी अतिथि विद्वान राजधानी में ढेरा डाल देंगे।

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महिला अतिथि विद्वानों ने भविष्य सुरक्षित की लगाई गुहार
अतिथि विद्वान महासंघ महिला मोर्चा की पदाधिकारियों ने भावुक भरे शब्दों में कहा की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी आखिर अपने महिला अतिथि विद्वान बहन बेटियों का भविष्य सुरक्षित क्यों नही कर रहे हैं? आखिर किस गलती की सजा दे रहे हैं महिला अतिथि विद्वानों के भाई शिवराज सिंह चौहान जी। शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विष्णु दत्त शर्मा वा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव से अपील करते हुए अतिथि विद्वान महासंघ ने कहा कि अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करें।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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