भोपाल। केंद्र सरकार ने भोपाल-इंदौर सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को भारतमाला योजना में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। योजना के तहत पहले चरण में पांच हजार 987 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को मंजूरी मिली है| इसमें भोपाल-इंदौर सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे, जबलपुर, सागर, ओरछा और ग्वालियर बायपास के निर्माण की स्वीकृति भी शामिल है। इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से योजना को मंजूरी देने का आग्रह किया था। उन्होंने ट्वीट कर इस निर्णय का स्वागत किया है।
प्रदेश की पिछली सरकार ने इस प्रोजेक्ट को भारतमाला में शामिल कराने के काफी प्रयास किए थे, लेकिन रूट निर्धारण सहित अन्य अड़चनों से मामला अटका था। इस सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे के बनने से भोपाल-इंदौर के बीच की दूरी घटकर दो घंटे रह जाएगी। इसे इकोनॉमिक कॉरिडोर की तरह विकसित किया जाएगा, जिसके बीच में नई टाउनशिप होने के साथ ही वो तमाम सुविधाएं होंगी, जिससे बिजनेस करना आसान होगा। एक्सप्रेस-वे हाइवे की लागत चार हजार करोड़ रुपए होगी। इस कार्य की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए कंसल्टेंट कंपनी का चयन कर लिया गया है। इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने के लिए एक्सप्रेस-वे को भोपाल बायपास के साथ मंडीदीप से जोड़ा जाएगा। प्रोजेक्ट की पूरी राशि भारत माला स्कीम में केंद्र सरकार देगी। जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार को करना है। 180 किमी लंबे इस मार्ग के निर्माण में 1700 हैक्टेयर से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण होगा।
भारत माला योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के 5987 किमी लंबाई के 6 नेशनल हाइवे के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इनमें जबलपुर बायपास, सागर बायपास, ग्वालियर बायपास, ओरछा बायपास सहित होशंगाबाद रोड से सीहोर के लिए बनाया जाने वाला भोपाल बायपास शामिल है। बताया जाता है कि इन मार्गों का फोरलेन मार्गों के रूप में निर्माण होगा। निर्माण कार्यों की क्रियान्वयन एजेंसी नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) होगी। भारतमाला योजना में भोपाल-इंदौर सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे और भोपाल बायपास दक्षिण-पश्चिम भाग बनाए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है।